My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

 
 
Thread Tools Display Modes
Prev Previous Post   Next Post Next
Old 04-06-2015, 11:04 PM   #37
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बारे में - 2

चैनल और बीमारी डिवेट की

इंडियन चैनल्स को डिवेट की बीमारी है। गाहे-ब-गाहे जरूरी नहीं होने पर भी वे डिवेट पर सन्नद्ध नज़र आते हैं। किन्तु हमें तकलीफ डिवेट से नहीं है। खूब करें-कराएं। तकलीफ़ तब होती है, जब एंकर शुरुआत में ही अपने चैनल के मंतव्य का संकेत अपने वक्तव्य में दे देता है और उस लाइन से हट कर बोलने वालों पर या तो व्यंग्यपूर्ण मुस्कान की बारिश करता है (संभवतः मन ही मन यह कहते हुए - अगली बार आपको बुलाना संभव नहीं है) अथवा बोलने से ही रोक कर मनपसंद वक्तव्य प्रदाता को एक सुदीर्घ भाषण की छूट दे देता है।
एक उदाहरण देता हूं। 'सबसे धीमे' चैनल पर भूमि अधिग्रहण बिल पर बहस का कार्यक्रम था। एंकर थे 'बहुत ही क्रांतिकारी' जर्नलिस्ट। कांग्रेस की तरफ से श्री दिग्विजय सिंह और बीजेपी की ओर से श्री नितिन गडकरी। शुरुआत दिग्गी बाबू ने की। शुरू हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू से, उसके बाद इंदिराजी, राजीवजी ने ग़रीब और किसानों के लिए क्या-क्या किया, यह सब बताने के बाद समापन किया श्री राहुल गांधी इस वर्ग के कितने हितैषी हैं, इस पर। शुक्र है कि श्री नरसिम्हा राव, श्री मनमोहन सिंह आदि अपने प्रधानमंत्री उन्हें याद ही नहीं थे, अन्यथा वक्तव्य और लंबा होता।
अब बारी थी श्री गडकरी की। जैसे ही श्री गडकरी ने पंडित नेहरू की नीतियों पर सवाल खड़ा किया, 'बहुत ही क्रांतिकारी' जर्नलिस्ट फ़ौरन हस्तक्षेप कर बैठे - गडकरी जी, इतिहास में न जाएं। ऐसे तो हमारे सारे कार्यक्रम का समय इसी में निकल जाएगा।
क्या मेरी तरह आपके मन में भी सवाल उठता है - दिग्गी बाबू को इतिहास पुराण का वाचन करने की छूट किस बिना पर दी गई थी ? किन्तु स्मरण रखें, 'थर्ड डिग्री' में से एक डिग्री अपनी दाढ़ी में छुपाए ये सज्जन इस प्रश्न का जवाब देने के बजाय इसे प्रेस की स्वतंत्रता का हनन बता सकते हैं।
अब आगे चलिए, 'बहुत ही क्रांतिकारी' महाशय ने 2013 के बिल और वर्तमान एनडीए सरकार द्वारा किए गए संशोधनों की तुलना दिखानी शुरू की। पहली ही तुलना पर श्री गडकरी ने जोरदार प्रतिवाद किया। उन्होंने कहा - अरे, यह आप क्या दिखा रहे हैं? यह सब आप कहां से लाए हैं ? मेरे पास दोनों बिल हैं और उनमें यह सब कहीं नहीं है।
किन्तु 'बहुत ही क्रांतिकारी' जर्नलिस्ट पर कोई असर नहीं हुआ। वे बोले - अभी हमें दिखाने दीजिए। आप अपनी बात बाद में रखिएगा। .... और एक केन्द्रीय मंत्री की मौजूदगी में उन्होंने संदिग्ध अथवा कहूं, झूठे आंकड़े मज़े से दिखाए और केन्द्रीय मंत्री महोदय खीजते हुए देखते रहे। मैंने पूरा कार्यक्रम देखा, केन्द्रीय मंत्री महोदय को उन आंकड़ों पर सफाई का मौक़ा एक क्षण को भी नहीं दिया गया।
मेरे मन में सवाल उठता है - क्या यही वह पत्रकारिता है, जिसके लिए श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे पत्रकारिता के लिए जीवन होम कर देने वाले लोगों के नाम पर हम कई पुरस्कार प्रति वर्ष उन लोगों को प्रदान करते हैं, जो इसके योग्य तो दूर, पासंग भी नहीं हैं। क्या सोचते हैं आप ?
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
 

Bookmarks

Tags
कुतुबनुमा, डार्क सेंट, alaick, blogging, blogs, dark saint alaik, hindi blog, journalist, kutubnuma, qutubnuma


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 01:46 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.