21-01-2016, 06:59 PM | #1 |
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Thanks Giving या धन्यवाद अर्पण
धन्यवाद अर्पण (Thanks Giving )
साभार: वीना विज ‘उदित’ Thanks Giving या धन्यवाद अर्पण का दिवस केनेडा और अमेरिका मे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। कहते है कि इसमें ईश्वर से फसल रुपी आशीर्वाद मिलने पर उसे धन्यवाद दिया जाता है। और आनेवाले वर्ष मे भी ऐसा ही सौभाग्य प्रॉप्त हो यह प्रार्थना की जाती है। केनेडा मे अक्टूबर के दूसरे सोमवार को धन्यवाद अर्पण का यह पर्व प्रति वर्ष मनाया जाता है। वहीँ अमेरिका मे नवम्बर के चौथे वृहस्पतिवार को मनाया जाता है। जिस प्रकार हम भारतीय ‘दशहरा’ और ‘ दिवाली’ अपनी पुरातन सांस्कृतिक धरोहर को कायम रखने के लिए सदियों से मनाते चले आ रहे है। उसी प्रकार अन्य देशों के त्यौहार भी अपने होने या मनाए जाने के पीछे किसी न किसी कहानी से बँधे चले आ रहे हैं । अपनी साँस्कृतिक धरोहर को सँभाले हुए। ऐतिहासिक तथ्य सन् 1620 मे एक समुद्री बेडे़ मे’ Saints’ नाम से संबोधित होने वाले साधु और साथ ही कुछ भ्रमण प्रिय खोज के दीवाने (Adventurers) अमेरिका के मैसाचुसेटस राज्य के समुद्री तट पर आ लगे थे । बहुत लम्बी यात्रा के कारण कुछ ही लोग बच पाए थे । वहाँ के गवर्नर विलियम ब्रैडफोर्ड ने उनके लिए ‘ Pilgrim colony ‘ स्थापित की थी । नवंबर सन् 1623 मे जब फसलें काटी गई और इकट्ठा की गई तो गवर्नर ने एक घोषणा की जो इस प्रकार थी: “सभी pilgrims अपनी बीवी और बच्चे लेकर पहाड़ी पर Meeting House मे इकट्ठा हो कर धर्म प्रसारण सुनें । प्रभु ने हमें जो इतना सब कुछ प्रदान किया है, हमें उसका धन्यवाद देना है।” Thanks giving की यही वास्तविक कहानी प्रचलित है। पहली नवम्बर 1777 मे काँग्रेस के आदेश से National Thanks Giving Day की घोषणा की गई। इस दिन Jesus के प्रति उसकी मेहरबानियो के लिए धन्यवाद दिया जाता है। और सदाशयता, सह्दयता से नमन कर हृदयोद्गार व्यक्त किए है। जिससे प्रभु राज्य मे सही दिशा, शाँति व खुशी वाले साम्राज्य की उन्नति के लिए प्रसन्न होगें। कई इसे क्रिसमस holiday season का आरम्भ मानते है। ”A day of thanksgiving and Praise to our beneficent Father who dwelleth in the heavens”1863 मे अब्राहम लिँकन ने भी हामी भरी। इसलिए पूरा अमेरिका प्रभु को उसके आशीर्वाद, उसकी दया की कृपा पूरे वर्ष भर पाने के उपलक्ष्य मे एक स्वर मे धन्यवाद देता है। **
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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धन्यवाद अर्पण, धन्यवाद ज्ञापन, thanks giving |
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