15-11-2018, 10:24 AM | #1 |
Diligent Member
|
दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर)
दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर)
★★★★★★★★★★★★★ (1) उपवास रहने से भूखा नहीं, होता कुछ भी खास। क्यों करते हैं आप सब, कठिन कठिन उपवास। कठिन कठिन उपवास, प्यास को रोके रहना। कर देगा बीमार, मानिए मेरा कहना। खाना-पीना छोड़, कष्ट सारे सहने से। मिलते हैं कब राम, यहाँ भूखा रहने से।। (2) ईश्वर ईश्वर, देवी, देव हैं, सच होते या झूठ? प्रश्न उठाते ही यहाँ, सब जाएंगे रूठ। सब जाएंगे रूठ, अगर ईश्वर जो होते। तिल तिल लाखों लोग, भला रोटी को रोते! यहाँ मचाकर लूट, दुष्ट भर लेते हैं घर। इतने हैं अपराध, कहाँ बैठा है ईश्वर।। रचना -आकाश महेशपुरी ■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन-274304 मोबाईल- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 16-11-2018 at 01:21 AM. |
Bookmarks |
|
|