19-01-2019, 10:44 AM | #1 |
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मूँछेँ (सिर्फ एक मजाक)
मूँछेँ (सिर्फ एक मजाक)
... सच कहूँ तो शान हैँ मूँछेँ। मर्दों की पहचान हैँ मूँछेँ।। अब तो यह फैशन है आया। मूँछोँ का है हुआ सफाया।। यह फैशन मूँछोँ पर भारी। हैँ दिखते नर, जैसी नारी।। मर्द हुए मेँहदी के आदी। मूँछ मुड़ा के करते शादी।। ... रचना - आकाश महेशपुरी |
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