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Diligent Member
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ग़ज़ल- मुझे यूँ न देखो कुँवारा नहीं हूँ
■■■■■■■■■■■■■■■■ मुझे यूँ न देखो कुँवारा नहीं हूँ किसी और का हूँ तुम्हारा नहीं हूँ न छत पे बुलाओ मुझे रात में तुम मैं इंसान हूँ चाँद-तारा नहीं हूँ भले मुझको दौड़ा रहे चार कुत्ते मुहब्बत की बाज़ी मैं हारा नहीं हूँ न होगा कोई मेरे हिलने से घायल मैं नैनों का तेरे इशारा नहीं हूँ चरण पादुका से न इज्ज़त उतारो मैं भौंरा हूँ लेकिन आवारा नहीं हूँ तुझे कूद जाऊँगा लेकर नदी में कि मझधार हूँ मैं किनारा नहीं हूँ ये माना कि 'आकाश' नमकीन हूँ मैं समुंदर का जल कोई खारा नहीं हूँ ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 13/12/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 13-12-2020 at 03:21 PM. |
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