31-01-2021, 06:36 AM | #1 |
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किसान
किसान
■■■ जय हो वीरों की सदा, जय जय हे विज्ञान। जय कैसे हो देश की, दुर्बल अगर किसान।। हलधर अपने खेत में, सहता जाड़ा, धूप। पावन अपने देश का, तब खिलता है रूप।। हालत यही किसान की, जैसे कटहल, आम। लाठी खाकर भी सदा, फल देते अविराम।। दोहे- आकाश महेशपुरी दिनांक- 29/01/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 |
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