06-07-2023, 06:14 AM | #1 |
Diligent Member
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पढ़ाना छोड़ दोगे क्या
पढ़ाना छोड़ दोगे क्या
■■■■■■■■ वो सपना देखती है जो वही तुम तोड़ दोगे क्या कि कायर आदमी में नाम अपना जोड़ दोगे क्या वहम में तुम भी गीता सी पुनीता एक नारी को गलत कोई निकल जाए पढ़ाना छोड़ दोगे क्या मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 05/07/2023 ■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 |
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