14-06-2024, 02:22 PM | #1 |
Diligent Member
|
नहीं टिकाऊ यहाँ है कुछ भी...
नहीं टिकाऊ यहाँ है कुछ भी...
◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ नहीं टिकाऊ यहाँ है कुछ भी मगर इसी से लगाव देखा लहू के मानिंद चाहतों का रगों रगों में बहाव देखा युगों युगों से रही मुसलसल ये पूर्णता की तलाश लेकिन हुआ मुकम्मल कभी न कोई नज़र नज़र में अभाव देखा मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 13/06/2024 ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 ____________________________ मापनी- 1212 212 122 1212 212 122 |
Bookmarks |
|
|