02-08-2024, 11:57 AM | #1 |
Diligent Member
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जीना यदि चाहते हो...घनाक्षरी छंद
जीना यदि चाहते हो...
◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ होते थोड़े मंदबुद्धि जानवर इसलिए, मार-मार कर उन्हें खा रहा है आदमी। कहीं श्रम करवाता, खींचता है खाल कहीं, दूध, अंडे हेतु भी सता रहा है आदमी। जीना यदि चाहते हो बुद्धिमान बन जाओ, आदतों से बाज नहीं आ रहा है आदमी। ज्ञानहीन जन को भी जानवर के समान, पल-पल जाल में फँसा रहा है आदमी। घनाक्षरी- आकाश महेशपुरी दिनांक- 01/08/2024 ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 |
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