05-04-2011, 11:46 PM | #36 |
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Re: 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप
भारतीय क्रिकेट टीम को अलविदा कहने की घोषणा कर चुके कोच गैरी कर्स्टन ने कहा कि टीम इंडिया के साथ करार आगे न बढ़ाने का फैसला काफी मुश्किल था और भारत को छोड़कर जाते हुए काफी दुख हो रहा है। निवर्तमान कोच ने कहा कि जिस टीम को उन्होंने 3 साल तक संवारा, उसे अलविदा कहना सबसे मुश्किल विदाइयों में से एक है। उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने (धोनी) न सिर्फ उदाहरण पेश करते हुए टीम की अगुवाई की बल्कि मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश भी की।
कर्स्टन ने कहा,'धोनी ने कप्तानी में उदाहरण पेश किया। मैंने कभी ऐसा खिलाड़ी नहीं देखा जो प्रत्येक मैच में जीत के लिए हर संभव कोशिश करता है। वह एक संपूर्ण व्यक्ति हैं। मैंने कभी उन्हें अपना आपा खोते हुए नहीं देखा। वह जिम्मेदारी लेना पसंद करते हैं और जब टीम हारती है तो सबसे अधिक दुखी वही होते हैं। उन्होंने कहा कि धोनी एक महान कप्तान हैं।' कर्स्टन ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि धोनी अगले कुछ सालों तक कप्तान बने रहेंगे।' कर्स्टन ने जब भारतीय क्रिकेट में कोचिंग का पद संभाला, तो उन्हें कोचिंग का कोई अनुभव भी नहीं था। साउथ अफ्रीका के इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि वह ऐसा माहौल तैयार करना चाहते थे, जिसमें टीम खुश रहे और इसके लिए वह बहुत हद तक स्टार बैट्समैन सचिन तेंडुलकर पर निर्भर थे। उन्होंने कहा कि यदि तेंडुलकर 2015 वर्ल्ड कप तक खेलते हैं तो यह काफी अच्छा रहेगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि तब तक वह उम्रदराज हो जाएंगे। कर्स्टन ने कहा कि 2015 तक सचिन 42 साल के हो जाएंगे। 42 की उम्र में क्रिकेट खेलना मुश्किल होगा। वह अभी संन्यास इसलिए नहीं लेना चाहते, क्योंकि वह खेल का लुत्फ उठा रहे हैं। मुझे उन पर गर्व है, लेकिन उनकी उम्र बढ़ रही है और आगे उन्हें यह योजना बनानी होगी कि किस मैच में खेलना है और किसमें नहीं। कार्यकाल बढ़ाने की पेशकश ठुकरा चुके कर्स्टन ने कहा कि फिलहाल उनकी कोच के तौर पर किसी टीम से जुड़ने की कोई योजना नहीं है और वह अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताने के लिए घर जा रहा हूं, लेकिन मुझे कुछ समय बाद अपने भविष्य पर विचार करना होगा। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे पास कुछ ऑफर्स आए हैं। भारतीय टीम ने कर्स्टन के मार्गदर्शन में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। कर्स्टन ने कहा कि यहां से फील्डिंग के अलावा शायद ही और कोई विभाग हो जिसमें सुधार की गुंजाइश हो। हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में फील्डिंग में भी सुधार हुआ है। सीम बोलिंग थोड़ी चिंता की बात है, लेकिन ऐसा हमेशा से था। भारतीय क्रिकेट लंबे समय तक स्वस्थ हालत में रहेगा। साउथ अफ्रीका के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि कोचिंग के लिए जो मानक तय हुए हैं, उन्हें देखते हुए नए कोच का काम मुश्किल होगा। नए कोच को नए विचारों के साथ आना होगा। टीम के व्यक्तिगत खिलाड़ियों के बारे में पूछने पर कर्स्टन ने धोनी ब्रिगेड की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'कोहली टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं। उन्होंने बड़े मैचों में भारत की ओर से खेलने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। मुझे लगता है कि भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होना अहम है। आप औसत प्रदर्शन के साथ टीम में नहीं हो सकते।' कर्स्टन ने कहा कि सुरेश रैना के साथ काम करने का भी काफी लुत्फ उठाया। वह बेजोड़ खिलाड़ी हैं। मैं चेतेश्वर पुजारा से भी प्रभावित हूं, जो टेस्ट मैचों में भविष्य के स्टार हो सकते हैं। प्रज्ञान ओझा ने अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें बस यह सीखने की जरूरत है कि क्या करना है। एक या दो अच्छे स्पिनर ढूंढना महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि मैं मुनफ पटेल से भी प्रभावित हूं। उन्होंने वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन किया। आशीष नेहरा ने भी वर्ल्ड कप में अच्छा किया। जहीर लंबे समय से नंबर एक हैं। कर्स्टन ने कहा कि जहीर इस समय दुनिया में मध्यम तेज गति के बेस्ट बोलर हैं। कर्स्टन ने कहा कि जहीर 135 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले फिलहाल दुनिया के बेस्ट बोलर हैं। वह दबाव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मुझे लगता है कि बाएं हाथ के बैट्समैन के खिलाफ वह अविश्वसनीय बोलर हैं। कर्स्टन ने युवराज सिंह की भी खूब तारीफ की, जिन्हें वर्ल्ड कप में गेंद और बल्ले से दमदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
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2011, competition, cricket, cricket cup, icc, india, world cup, world cup 2011 |
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