11-04-2011, 08:04 AM | #19 |
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Re: प्रादेशिक लोकगीत
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली बहना के घर में ये पहली ख़ुशी है पहली ख़ुशी बड़ी देर से मिली है सपना पूरा हुआ, मन की आशा फली इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली दिन रंग भरे आएँगे, होगी हर रात दिवाली संग ले के चली अपने घर, अब दिया जलाने वाली प्यारे भैया ने पाई दुल्हन साँचे में ढली इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
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गीत, लोकगीत |
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