04-06-2011, 09:19 PM | #20 |
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Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
१४ अप्रैल, १८२६ को बन्ने सिंह व बलवन्त सिंह के बीच अंग्रेजी सरकार के समक्ष एक समझौता हुआ था, जिसमें बन्ने सिंह ने किशनगढ़ और कठुम्बर के परगने के बजाय तिजारा के राजा बलवन्त सिंह को १६,००० रुपया प्रतिमाह किस्त के रुप में देने का वायदा किया था, लेकिन वह उसे किश्तों का समय पर भुगतान नहीं करता था। इसलिए १६ मई, १८३३ को ब्रिटिश रेजीडेन्ट ने उस पर बकाया किश्तों का भुगतान करने के लिए दबाव डाला। लेकिन बन्ने सिंह ने उसके आदेशों पर ध्यान नहीं दिया। १५ दिसम्बर, १८३८ को गर्वनर जनरल से किस्तों के बजाय कठुम्बर और किशनगढ़ का परगना बन्ने सिंह से दिलाने की माँग की।
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