13-04-2011, 06:36 AM | #41 |
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Re: मस्त पंजाबी
वैशाखी का पर्व एक और जहां किसान और फसलों से जुडा हुआ है. वहीं, दूसरी ओर यह ब्रिटिश शासन के दौरान "जलियांवाला कांड" के समृ्ति दिवस के रुप में भी मनाया जाता है. 13 अप्रैल के दिन जलियांवाला कांड में सैंकडों लोगों को एक साथ गोलियों से भुन दिया गया था. इस कांद में मरने वाले व्यक्तियों में निहत्थे पुरुष, महिलाएं थे. यह घटना मानव इतिहास में सदैव क्रूरतम दिवस के रुप में याद की जाती है. इस दिन से पूर्व और इसके बाद शायद ही ऎसा कोई अन्य उदाहरण मिले, जिसमें एक साथ इतने साथ लोगों को मार दिया गया था. |
13-04-2011, 06:38 AM | #42 |
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Re: मस्त पंजाबी
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में 1919 का 13 अप्रैल का दिन आंसुओं से लिखा गया है. जनरल डायर ने अम्रतसर के जलियाँवाला बाग में हो रही सभा में जब भारतीयों पर अंधाधुध गोलियां चलाकर सैंकडों लोगों को मौत के घाट उतार दिया, तो सभी ने इस घटना कि भ्रत्सना की. इस घटना में माताओं के बच्चे, बूढे और देश के मरने वाले युवा सभी शामिल थे.
इस घटना ने स्वतन्त्रता सैनानी ऊधमसिंह को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने अंग्रेजों से इस घटना में मरने वालों का बदला लेने का संकल्प लिया. इस दिन को ऊधमसिंह के "संकल्प दिवस" के रुप में भी मनाया जाता है. ऊधमसिंह हिन्दू, मुस्लिम और सिख एकता की नींच रखने वाले रहे है. धार्मिक एकता को स्पष्ट करने के लिये इन्होनें अपना नाम "राम मौहम्मद आजाद सिंह" रखा और इस बर्बर घटना के लिये जनरल डायर को जिम्मेदार मानते हुए, उसे मारने का संकल्प लिया. ऊधमसिंह जनरल डायर को मारक इस घटना का बदला लेना चाहते थें. अपने इस मिशन को अंजाम देने देने के लिए ऊधमसिंह ने विभिन्न नामों से अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा की. सन 1934 में ऊधमसिंह लंदन पहुँचे और वहाँ 9 एल्डर स्ट्रीट कमर्शियल रोड़ पर रहने लगे. वहाँ उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से एक कार खरीदी और साथ में अपना मिशन पूरा करने के लिए छह गोलियों वाली एक रिवाल्वर भी खरीद ली. जलियाँवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी जहाँ माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था. ऊधमसिंह उस दिन समय से ही बैठक स्थल पर पहुँच गए. अपनी रिवाल्वर उन्होंने एक मोटी किताब में छिपा ली। इसके लिए उन्होंने किताब के पृष्ठों को रिवाल्वर के आकार में उस तरह से काट लिया, जिससे डायर की जान लेने वाला हथियार आसानी से छिपाया जा सके. बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए ऊधमसिंह ने माइकल ओ डायर पर गोलियाँ दाग दीं. दो गोलियाँ डायर को लगीं, जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई. गोलीबारी में डायर के दो अन्य साथी घायल हो गए. ऊधमसिंह ने वहाँ से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी. उन पर मुकदमा चला. अदालत में जब उनसे पूछा गया कि वह डायर के अन्य साथियों को भी मार सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. ऊधमसिंह ने जवाब दिया कि वहाँ पर कई महिलाएँ भी थीं और भारतीय संस्कृति में महिलाओं पर हमला करना पाप है. 4 जून 1940 को ऊधमसिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई. इस तरह यह क्रांतिकारी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में अमर हो गया. इस प्रकार यह दिवस ऊधमसिंह के संकल्प दिवस के रुप में भी मनाया जाता है |
13-04-2011, 06:40 AM | #43 |
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Re: मस्त पंजाबी
खेतों में जब फसल पक कर तैयार होने पर किसान खुशी से झूम उठता है. इसी खुशी में वैशाखी का पर्व मनाया जाता है. खुशहाली, हरियाली और अपने देश की समृ्द्धि की कामना करते हुए लोग इस दिन पूजा- अर्चना, दान -पुण्य़ व दीप जलाकर वैशाखी पर अपनी खुशी का इजहार करते है. वास्तव में इस दिन जो भांगडा -नृ्त्य होता है, उसके पीछे यही भाव होता है कि सालभर की कडी मेहनत के बाद अच्छी फसल के रुप में धरती मां से उन्हें प्राप्त हुआ है. उसका स्वागत यहां के लोग खुशी मना कर करते है. देखा जाये तो यह नई फसल की कटाई का उत्सव है. |
13-04-2011, 06:45 AM | #44 |
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Re: मस्त पंजाबी
भारत की संस्कृ्ति में अनेक राज्य, अनेक धर्म, अनेक भाषाएं, अनेक रीति-रिवाजों को मानने वाले लोग एक साथ रहते है. अनेक संस्कृ्तियों का एक साथ रहना, हमें विश्व में एक नई पहचान देता है. साथ ही यह हमारी देश की अंखण्डता को ठिक उसी प्रकार सौन्दर्य प्रधान करता है, जिस प्रकार एक गुलदस्ते में कई रंग के फूल हों, तो उसकी सुन्दरता स्वयं ही दोगुनी हो जाती है.
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14-04-2011, 10:13 AM | #45 | |
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Re: मस्त पंजाबी
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वाह मित्र सागर आपने पंजाबियों के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी/ धन्यबाद
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20-04-2011, 11:44 AM | #46 |
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Re: मस्त पंजाबी
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20-04-2011, 11:45 AM | #47 |
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Re: मस्त पंजाबी
कमाल का सूत्र है मित्र .....बधाई
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22-04-2011, 06:37 AM | #49 | |
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Re: मस्त पंजाबी
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14-10-2011, 11:51 AM | #50 |
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Re: मस्त पंजाबी
पंजाब के बारे में आपने बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की है मित्र,
पंजाब जिसका अर्थ होता है पांच दरियाब (नदी) !जो की पंजाब में होकर निकलती थी ! |
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