07-10-2012, 02:44 PM | #1 |
Special Member
|
बीरबल की साजिश
हुआ यूँ की अचानक शहंशाह अकबर ने अपना पुराना फरमान की “अनारकली को दीवार में चुनवा दिया जाए” को वापस ले लिया और अनारकली को आज़ाद कर दिया उसकी जंजीरें खोल दी गयीं, बस कैदखाने से निकलने के बाद अनारकली ने जो ये नया गाना कम्पोज़ किया और दिल दहला देने वाला डांस किया की सारा आगरा शहर डांस करने लगा. जब गाने के बोल शहंशाह – ए – हिन्दोस्तान के कानों में पड़े और अनारकली के डांस के बारे में उन्होंने सुना तो, वो सलीम से मिलने उसके महल गए ………!
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
07-10-2012, 02:45 PM | #2 |
Special Member
|
Re: बीरबल की साजिश
सलीम अनारकली को भुला नहीं पा रहा था इसीलिए पऊआ चढ़ा रहा था……….. जिसे देख कर अकबर दुखी होते हुए बोला ” क्या हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल एक अदनी कनीज़ की मोहब्बत में इस कदर कमजोर पड़ गया है की ये देसी टाइप का पव्वा चढ़ा रहा है, …………….सलीम………………….. तुम शहजादे हो कुछ तो ख्याल रखो हमने तुम्हारे मयखाने में एक से एक शानदार शराब का बंदोबस्त किया है उठो और ये पव्वा छोड़कर वोदका लो.
सलीम ने बुदबुदाते हुए कहा ” एक शहंशाह से उम्मीद भी क्या की जा सकती है ………………. जिसे सिर्फ अपनी शान दिखाई देती है …………….. ! गम में आदमी ब्रांड देखकर थोड़े ही लेता है………….. ! और वो शहंशाह क्या जाने मोहब्बत जिसने जिन्दगी शमशीरों के साए में गुज़ार दी हो …….. ! एक शहजादे को अपनी मोहब्बत से जुदा करके ये शहंशाह उसके शराब के ब्रांड देखने आया है ……………… की सलीम शाही तौरतरीकों से ही अपनी मोहब्बत को भुला रहा है या नहीं……..! एक शहंशाह को पव्वे से शान में दाग लगता दिखाई देता है परन्तु एक अदनी कनीज़ को दीवार में चिनवाते हुए बड़ी शोहरत महसूस हुई होगी.
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
07-10-2012, 02:45 PM | #3 |
Special Member
|
Re: बीरबल की साजिश
हमने अनारकली को छोड़ दिया था बस तुम्हे उसके बारे में नहीं बताया, वो कनीज़ किसी मोहब्बत के फलसफे को नहीं समझती थी वो तो केवल एक शहजादे की ऐय्याशियों का फायदा उठाकर हिन्दुस्तान की मल्लिका बनने का ख्वाब देख रही थी ………..
एक शहंशाह के कानों को एक अदनी कनीज़ की सिसकियाँ कहाँ सुनायीं देतीं ……… उसके आंसू देखना एक मगरूर शहंशाह के लिए नागवार गुज़रा……..! सलीम ……………. लगभग चीखते हुए …………………. तुम नहीं जानते सलीम…………………………. हमने तुम्हे अनारकली से अलग नहीं किया वो खुद ब खुद तुम्हे पव्वे की आग में धकेल कर चली गयी…………! और तुम एक अदनी सी कनीज़ को हिन्दुस्तान की मल्लिका बनाना चाहते थे ……..अकबर ने गुर्राते हुए कहा.
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
07-10-2012, 02:45 PM | #4 |
Special Member
|
Re: बीरबल की साजिश
एक बेरहम शहंशाह से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ……… जिसके आगे सारा हिन्दुस्तान झुकता हो, वो भला एक कनीज़ के आगे झुक जाता ………….. ! आज मुगलिया सल्तनत का इन्साफ कहाँ गया जब एक कनीज़ को एक शहजादे से मोहब्बत करने के जुर्म में बेड़ियों में ज़कड़ा जाता हो और शहजादे को महल में………….. कहाँ गया वो इन्साफ का तराज़ू……….. !
उस इन्साफ के तराजू की तो हमने फिल्म बनवा दी है बड़ी हिट रही ………………. लेकिन हमने फिर भी इन्साफ किया है अनारकली तुम्हे छोड़कर चली गयी है शहजादे…………. अकबर ने सलीम को समझाते हुए कहा शहंशाहों के इन्साफ और ज़ुल्म में किस कदर कम फर्क होता है……………… सलीम धीरे से बुदबुदाया …….! वो चली गयी या आपने उसका क़त्ल करवा दिया ……? अकबर ने पीछे घूमकर आवाज लगाई…….. मानसिंह ………. ! मानसिंह सिर झुकाए बड़े अदब के साथ अकबर के सामने आकर खड़े हो गए……..!
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
07-10-2012, 02:45 PM | #5 |
Special Member
|
Re: बीरबल की साजिश
मानसिंह.! ……” शहजादे को उस कनीज का नया एल्बम दिखाओ ” जिसमें उसने शहजादे की मोहब्बत का मज़ाक उड़ाया है और शहजादे इस गम में पीये जा रहे हैं की हमने अनारकली को शहजादे से दूर कर दिया है.
मानसिंह ने सलीम को अनारकली का नया गाना सुनाया ” अनारकली डिस्को चली”………….! शहजादे इस गाने पर आगरा शहर का बच्चा बच्चा सीटी बजाता घूम रहा है सलीम अनारकली के लटके झटके देख कर गुस्से से तमतमा उठा ………. “क्या ये बेहूदा डांस अनारकली कर रही है………. नहीं हम ये नहीं देख सकते ………. अनारकली ने हमारी मोहब्बत को सरेबाजार रुसवा कर दिया, यकीनन वो हमारी मोहब्बत के लायक न थी. इसीलिए हम तुमसे कहते थे शहजादे की एक कनीज की बातों का विश्वास न करो लेकिन तुम ने हमारी एक न सुनी और उस लोंडी के लिए हमारे खिलाफ तलवार उठा ली………… अकबर ने सलीम को कुछ समझाने कुछ दुलारने के अंदाज में कहा ………..!
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
07-10-2012, 02:46 PM | #6 |
Special Member
|
Re: बीरबल की साजिश
हमारे साथ धोखा हुआ है हम इसे बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे ………. हमें मयखाने में ही रहने दीजिये ……….!
“नहीं सलीम तुम हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल हो और तुम इस कदर टूट जाओगे तो मुगलिया सल्तनत का क्या होगा” ……….. इसलिए भूल जाओ उस कनीज़ को और कल से दरबार में आओ …….. शहंशाह अकबर यह कहकर सीधा बीरबल के पास गए और उत्साहित होकर बोले …………….! बीरबल तुमने कमाल कर दिया, क्या तुरुप का पत्ता लाये हो ……. एक ही झटके में सलीम अनारकली को भूल गया …………..! पर ये कौन सी कनीज़ है कभी आगरा शहर में तो नहीं देखा………..?कहते हुए अकबर की आँखों में चमक थी ! हुजूर ये आगरा की नहीं मुंबई शहर की कनीज है वो तो मैंने कुछ एडिटिंग करवाकर अनारकली की तस्वीर लगवा दी ………! जिस से शहजादे ने समझा की उनकी मोहब्बत ने उन्हें रुसवा कर दिया…………. सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी सब लोग हंसने लगे और इस प्रकार एक शहंशाह ने अपने ही लड़के की परवान चढ़ती मोहब्बत को कुचल दिया...............
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
08-11-2012, 09:35 PM | #7 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: बीरबल की साजिश
|
Bookmarks |
Thread Tools | |
Display Modes | |
|
|