19-05-2011, 01:59 PM | #21 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
और ऐसे ही आगे बडे aal is well
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Gaurav kumar Gaurav |
19-05-2011, 04:18 PM | #22 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
यहां मैं कहना चाहता हूं कि यह सब बेसिर पैर की बातें हैं.
विज्ञान के नजर में पृथ्वी की प्रलय (जीवन का विनाश) सिर्फ सूर्य या उल्कापिंड या फिर सुपर बाल्कैनो (महाज्वालामुखी) ही कर सकते हैं. इसमें भी सुपर बाल्कैनों पृथ्वी से संपूर्ण जीवन का विनाश करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि कितना भी बड़ा ज्वालामुखी होगा वह अधिकतम 70 फीसदी पृथ्वी को ही नुकसान पहुंचा सकता है. रही बात उल्कापिंड की तो अभी तक पृथ्वी के घूर्णन कक्षा या इसके आसपास ऐसी कोई उल्कापिंड अभी तक नहीं दिखी है जो पृथ्वी को प्रलय के मुहाने पर ला दे, न ही अभी दूर-दूर तक ऐसी कोई संभावना है. तीसरा है सूर्य- तो सूर्य जब अपनी चरम अवस्था में पहुंचेगा तभी वह पृथ्वी मे प्रलय ला सकता है. दरअसल सूर्य एक तारा है. हर तारे की मौत तय होती है. |
19-05-2011, 04:19 PM | #23 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
जब यह मरता है तो अपने सारे ग्रहों के साथ मरता है. तारा खत्म होने से पहले लाल दानव तारा या श्वेत बामन तारे में बदलता है. इस प्रक्रिया में उसका द्रव्यमान काफी कम होता जाता है जिससे उसकी प्रचंडता और गुरुत्वाकर्षण में बढ़ोत्तरी होती जाती है. इसके प्रभाव से वह अपने ग्रहों को अपनी ओर खींच कर उन्हें जला देता है फिर स्वयं ब्लैक होल में बदल जाता है. ब्लैक होल इस लिये कहा जाता है क्योंकि इसका गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा होता है कि अपने पास से गुजरने वाले प्रकाश जिसकी गति तीन लाख किलो मीटर प्रति सेकेण्ड होती है उसे भी अपनी ओर खीच लेता है. इस कारण वहां काला धब्बा ही नजर आता है. लेकिन अभी सूर्य को इस अवस्था में आने में अरबों वर्ष लगेंगे. दूसरी ओर कुछ का कहना है 2012 में सूर्य अपने चरम पर होगा और पृथ्वी झुलस जाएगी. हां यह सही है इस दौरान सूर्य अपने चरम पर होगा. लेकिन यह हर 11 वर्ष में होने वाली सतत प्रक्रिया है. जिसे इलेवन इयर साइकिल के नाम से जाना जाता है. इस दौरान सूर्य में सन स्पाट ज्यादा बनते हैं, सौर आंधिया चलती हैं तथा सौर लपटें ज्यादा बडी बनती है. जिससे सौर विकरण काफी तीव्र गति से बनते है. यहां यह स्पष्ट कर देना चाहूंगा कि सौर लपटें पृथ्वी तक नहीं आ सकती न ही आंधी. हां यहां सौर विकरण का प्रभाव होता है तथा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभाव जरूर असर करता है. वह भी ध्रुवों पर ज्यादा. लेकिन इसके प्रभाव कृत्रिम उपग्रहों, विमानों, अंतरिक्ष यानों तथा यान से बाहर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों पर पड़ता है.
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19-05-2011, 04:21 PM | #24 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
कास्मिक रे पर काम कर रहे विश्व के तीसरे सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉ एस.पी. अग्रवाल ने इन बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव जीवन पर इसका प्रभाव इतना मात्र होगा कि पक्षी यदा कदा अपना रास्ता बदल देते हैं तथा नगण्य संख्या में हृदय रोगी परेशानी में आ सकते हैं. इसके अलावा मानव जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि यह कहना कि 2012 में पृथ्वी में प्रलय होगी पूर्णतः गलत है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जैसे लोग कहते हैं कि प्रलय में पृथ्वी डूब जाएगी तो वह भी गलत है क्योंकि यदि समुद्र का पूरा पानी तथा आसमान में व्याप्त पूरी वाष्प का पानी तथा पृथ्वी में मौजूद पूरी बर्फ भी यदि पिघल कर पानी बन जाए और पूरी पृथ्वी पर फैले तो वह पूरी धरती से महत ढाई फीट उंचाई तक ही पानी भर सकती है और यह पूरा पानी सत्रह दिन में सतह द्वारा सोख लिया जाएगा.
इस लिये पृथ्वी के प्रलय के डर से दूर होकर मस्त रहें. |
21-05-2011, 12:57 PM | #25 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
एक और दावा दुनियाँ के खत्म होने का.......
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21-05-2011, 01:00 PM | #26 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
क्या है दावा?
अमेरिका की एक मसीही संस्था, फ़ैमिली रेडियो के प्रमुख हेराल्ड कैंपिंग ने दावा किया है की बाईबल में इस बात के संकेत हैं कि 21 मई 2011 को ईसा मसीह का धरती पर दूसरा आगमन होगा, और वे लोगों के पाप-पुण्य का न्याय करेंगे। उस दिन सभी धर्मी जन स्वर्ग में बुला लिए जायेंगे। इसके साथ महाविनाश का दौर शुरू होगा और 21 अक्टूबर 2011 को दुनियां खत्म हो जाएगी। दावा खारिज किया। इधर, रेव्ह अरुण बरवा समेत कई मसीही धर्मगुरुवों ने इस दावे को खारिज कराते हुए कहा है कि यीशु के द्वितीय आगमन के समय की जानकारी परमेश्वर को छोड़ किसी को भी नहीं है। उनके पुत्र ईसा मसीह को भी नहीं। इसलिए, इसकी जानकारी किसी इन्सान को होना असंभव है। क्या है आधार? हेराल्ड कैंपिंग ने अपनी भविष्यवाणी के लिए बाईबल की पुस्तक उत्पति 7:4 को आधार बनाया है। उनके अनुसार, ईश्वर ने प्राण रक्षा के उपाय के लिए नूह को सात दिनों का समय दिया, वहीं हमें अपनी आत्मा की रक्षा के लिए सात हजार साल होने का संकेत भी दिया है। बाईबल मे बताया गया है कि प्रभु का एक दिन हजार वर्ष और हजार वर्ष एक दिन के बराबर है, ईश्वर ने नूह के कलेंडर के दूसरे महीने के 17वें दिन नाव का द्वार बंद कर दिया था। उस दिन और 21 मई 2011 के बीच सात हजार साल का सटीक अंतर है। बिबलिकल कलेंडर में भी यह तिथि दूसरे महीने की 17वीं तारीख है। 21 अक्टूबर, फीस्ट ऑफ टेबरनेकल्स का अंतिम दिन, महाविनाश का दिन होगा। पहले भी की है भविष्यवाणी। हेराल्ड कैंपिंग ने इस तरह की भविष्यवाणी पहले भी की है। उस समय उन्होने कहा था कि सितंबर 1994 में दुनिया का अंत होगा। जब दावा गलत साबित हुआ, तब उन्होने कहा कि उनसे बाईबल के तथ्यों को समझने में भूल हुई। साभार: प्रभात खबर, रांची - 21.05.2011 Last edited by arvind; 21-05-2011 at 01:06 PM. |
22-05-2011, 10:28 AM | #27 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
दुनिया खत्म होने के डर से सब भाग गये क्या
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Gaurav kumar Gaurav |
22-05-2011, 07:09 PM | #28 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
कृपया अप्वाहे ना फलाये
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22-05-2011, 09:13 PM | #29 | |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
Quote:
मै तो आज भी मज़े में हूँ और कर्जा लेकर घी पी रहा हूँ दुनिया नष्ट हुई तो मेरी बला से ........ |
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23-05-2011, 04:26 AM | #30 |
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Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
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Gaurav kumar Gaurav |
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