22-09-2011, 11:31 AM | #21 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
चाँदनी उदास है, चाँद भी बुझा हुआ,
रात, तू ही बता, हादसा ये क्या हुआ? xxxx दिल के अंधेरों में जैसे जंगल उग आयें, मोहब्बत में अपने साथ कुछ ऐसा हुआ। xxxx वफाओं की, वादों की, अहसासों की वो कहानी, अब तक न समझे आखिर रिश्तों को क्या हुआ? xxxx कल तक था जो हमारी, मोहब्बत का मुतमईन, कहता है आज- "जा मैं भी पराया हुआ"। xxxx साफगो ज़मीर, हम वादे पे कायम अभी तक, वो भी तो साफदिल था, उसको ये क्या हुआ? xxxx कल हम, आज दूसरा कोई, कल का किसे पता? ये दिल है कि किरायेदार, मकान बदलता हुआ? xxxx हम कब से खड़े उदास, अब तक देखते रहे, वो अपने नए दोस्तों के संग चला गया। xxxx बिछड़ना नसीब था, या मेरा गुस्ताख कदम? तू भी तो सोच, रिश्ते बचाने को तूने क्या किया? xxxx दूर सही, देर सही, वक़्त की कमी सही, देखेंगे कैसा लगता है, वो रिश्ते बदलता हुआ। xxxx ये क्या कि हम उस पे ही लिखते रहें अशआर, बस कर ऐय दिल, उस के लिए रोना बहुत हुआ॥
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जो सत्य विषय हैं वे तो सबमें एक से हैं झगड़ा झूठे विषयों में होता है। -------------------------------------------------------------------------- जिनके घर शीशो के होते हे वो दूसरों के घर पर पत्थर फेकने से पहले क्यू नहीं सोचते की उनके घर पर भी कोई फेक सकता हे -------------------------------------------- Gaurav Soni
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22-09-2011, 11:32 AM | #22 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
अब तो बता ज़िन्दगी/ विश्व भूषण
अब तो बता जिंदगी, ये किस मोड़ पे मैं आता हूँ,
तू मुझको सताती है, या मैं तुझको सताता हूँ? xxxx हैं जाने वाले जा रहे, मैं खड़ा उदास कितना, कौन सुनता है मेरी, मैं क्या बताता हूँ? xxxx गहरा बहुत एक जख्म, दर्द भी बे-इन्तेहाँ वो ज़ख्म भूलने में कितने ज़ख्म खाता हूँ। xxxx तेरा भी क्या दोष दूं, किस्मत से क्या करूँ गिला? ये सारी बाद-किस्मती भी मैं खुद बुलाता हूँ। xxxx ये बंद दीवारें भी शायद बड़ी ग़मगीन हैं, ये खड़ी हैं साथ, इन्हें ही सब सुनाता हूँ। xxxx हमने सुना था वक़्त की भी चोट होती है, पहले न माना था, मगर अब मान जाता हूँ। xxxx पहले भी हादसे हुए, ख्वाब फिर भी बच गए, आज इन सपनों को खुद ही जलाता हूँ। xxxx जिंदगी कि दौड़ में कैसा मुकाम आ गया? शुरुआत से पहले ही, मैं सब छोड़ जाता हूँ। xxxx बहुत तकलीफ होती है "आम-इंसान" होने में, यह भी हो न पाता हूँ, वो भी बन न पाता हूँ॥
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22-09-2011, 11:44 AM | #23 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
mast kavitayein hai bhai...thanks for sharing
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
22-09-2011, 11:54 AM | #24 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
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22-09-2011, 11:56 AM | #25 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
झकास कविताऐँ हैँ ......
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
22-09-2011, 12:00 PM | #26 |
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Re: डॉ कुमार विश्वास
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