My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Debates
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 29-05-2013, 05:41 PM   #1
dipu
VIP Member
 
dipu's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: Rohtak (heart of haryana)
Posts: 10,193
Rep Power: 91
dipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to dipu
Default नक्सलवाद की समस्या


भारत में शक्ति की पूजा होती है जो शक्ति शाली है उसकी पूजा होगी. तब उसका धर्म, जाति, रंग आदि नहीं देखा जाता ,शक्ति शाली लोगों से तमाम लोग जुड़ना चाहते हैं. कुछ अपनी सलाह देना चाहते है इत्यादि , हम बात करते हैं , भारत के वांछित समाज के बारे , 66 साल हो गया अंग्रेजो से आजादी के , 63 साल हो गये संविधान के लागू होते. क्या किसी सरकार ने उन आदिवासियों के बारे में सोंचा ,उन पर ध्यान दिया , सरकारों ने क्या किया , उल्टा उनके जंगल और जमीन को ,उद्योगपतियों ,पूंजीपतियों,और सामंतो के हाथो बेंच दिया. Sez आदि में कन्वर्ट कर दिया, जो जंगल और जमीन उनके व्यवसाय तथा जीविका के साधन थे उनसे छीन लिया गया , क्या 1967 से पहले आदिवासियों की स्थिति बहुत अच्छी थी, सायद नहीं ,1960-70 के दसक में औद्योगीकरन शुरू हुआ . बंगाल, बिहार ,मध्यप्रदेश, उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ और झारखण्ड वाला क्षेत्र मिनरल और दुसरे भू-सम्पदाओं से प्रचुर क्षेत्र है नेचुरल रिसोर्स से भरा हुआ था . जब तक औद्योगिक विकास उन तक नहीं पहुँच पाया था, उनके जीवन यापन में कोई दिक्कत नहीं हुई, औद्योगीकरण के कारण , कृषि योग्य क्षेत्र सामन्तो को दिए जाने और क्षेत्र बढाए जाने के कारण आदिवासियों को डिस्प्लेस करना पड़ा ,चूंकि आदिवासी लोग अशिक्षित और गरीब थे मुवावजे की क्या बात करते. अतः वहां के दबंगों ने उन्हें बेदखल कर दिया. अब उनके पास रोजी ,रोटी तथा मकान की समस्या हुई. उनकी स्थिति और दयनीय होती गयी. इस स्थिति के विरोध में कुछ आदिवासियों ने हथियार उठा लिया ,तथा जमीदारों से संघर्ष हुआ ,इसकी शुरुवात पश्चिम बंगाल के एक दूरदराज गाँव नक्सलबारी से 1967 में हुई, अतः इसे नक्सलवाद कहा गया ,उन्हें देखकर इस समस्या को झेल रहे अन्य आदिवासी क्षेत्र के लोग जुड़ते गए ,यहाँ कोई संगठन नहीं था ,पर यह एक आन्दोलन का रूप धारण कर लिया. आन्दोलन को मजबूत होता देख ,चीन में कम्युनिस्ट विचारधारा के मावोईस्ट विद्रोहियों तथा अन्य संगठन इन्हें लूके छिपे हथियार और अन्य सहायता दिया ,नक्सलवादी आन्दोलन की शक्ति देखकर अब अन्य आतंकवादी ,विघटनकारी शक्तियां उनसे सहायता लेने ,उन्हें हथियार और धन पहुचाने के लिए हाथ आगे बढा रही हैं. इसी तरह पुरे देश में तमाम संगठन खड़े हो गए हैं. जो की देश के भविष्य के लिए एक बुरा संकेत है. अतः सरकार को संज्ञान में लेना होगा , की वांछित समाज ,आर्थिक और सामजिक रूप से पिछड़े लोगो के बेहतर भविष्य के लिए काम प्राथमिकता से करना होगा , अन्यथा आने वाले भविष्य मे किसी भी समय गृह युद्ध जैसी स्थिति आ सकती है.....
एस.एन.भास्कर
__________________



Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed.
dipu is offline   Reply With Quote
Old 30-05-2013, 01:33 AM   #2
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: नक्सलवाद की समस्या

बहुत ही अच्छी जानकारी शेयर की है दीपू जी आपने, वास्तव में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है और इसका हल यही है की समाज के सभी वर्गों को चाहे वो आदिवासी हो, या दलित या अल्प्शंक्षक विकास का लाभ मिले.

यह बड़ी बड़ी प्राइवेट कंपनिया बस मुनाफा देखती है उन्हें समाज और आम गरीब जनता से मतलब नहीं है, अगर किसी कंपनी को खान या जंगल ठेके पर मिल जाते है तो उनका सबसे पहला लक्ष्य यह बन जाता है की कैसे करक वहां से गरीब लोगो को ठेल कर बाहर निकाल जाए ताकि वो वहां मन मुताबिक़ औधोगिक कार्य बिना किसी रोक टोक के कर सके. लेकिन बड़ा सवाल यह है ऐसा कब तक चलेगा.
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 30-05-2013, 06:23 PM   #3
dipu
VIP Member
 
dipu's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: Rohtak (heart of haryana)
Posts: 10,193
Rep Power: 91
dipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to dipu
Default Re: नक्सलवाद की समस्या

Quote:
Originally Posted by abhisays View Post
बहुत ही अच्छी जानकारी शेयर की है दीपू जी आपने, वास्तव में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है और इसका हल यही है की समाज के सभी वर्गों को चाहे वो आदिवासी हो, या दलित या अल्प्शंक्षक विकास का लाभ मिले.

यह बड़ी बड़ी प्राइवेट कंपनिया बस मुनाफा देखती है उन्हें समाज और आम गरीब जनता से मतलब नहीं है, अगर किसी कंपनी को खान या जंगल ठेके पर मिल जाते है तो उनका सबसे पहला लक्ष्य यह बन जाता है की कैसे करक वहां से गरीब लोगो को ठेल कर बाहर निकाल जाए ताकि वो वहां मन मुताबिक़ औधोगिक कार्य बिना किसी रोक टोक के कर सके. लेकिन बड़ा सवाल यह है ऐसा कब तक चलेगा.
__________________



Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed.
dipu is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 01:41 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.