07-06-2013, 12:09 PM
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Leisure / फुरसत
LEISURE / फुरसत
(Poet: W.H.Davies / डब्ल्यू.एच.डेविस)
What is this life, if full of care,
We have no time to stand and stare?
जीवन क्या है जीवन जिसमे रहे काम और केवल काम
हमें भान भी हो न सके यह धरती कितनी नयनाभिराम
No time to stand beneath the boughs
And stare as long as sheep or cows,
किसी वृक्ष की छाया में बैठें, इतनी फुरसत मिल न सकी
भेड़ों गायों के रेवड़ को भी,तकने की हसरत खिल न सकीं
No time to see, when woods we pass,
Where squirrels hide their nuts in grass.
वनप्रांतर में आये गये पर, वन की सुंदरता न लिपा सके
चालाक गिलहरी जहां तृणों में, अपने मेवों को छिपा सके.
No time to see, in broad daylight,
Stream full of stars, like skies at night.
वक़्त कहाँ है देख सकें, जो दरिया की चमकती धारा है
या हुआ अलौकिक निशा समय नभ में इक-इक तारा है
No time to turn at Beauty’s glance,
And watch her feet, how they can dance.
सुन्दर बाला के नयनों के सब बाण अकारथ चले गये
हम उसके पैरों की झांझर, न नृत्य कला से छले गये.
No time to wait till her mouth can
Enrich that smile her eyes begane.
इतनी फुरसत कहां कि देखें उसके मुख की आकृतियां
फूटेगी जिनसे मुसकाने, नयनों से झरेंगी फुलझड़ियाँ.
A poor life this, if full of care,
We have no time to stand and stare.
निर्धन है वह जीवन जिसमे रहे काम और केवल काम
हमें भान भी हो न सके यह धरती कितनी नयनाभिराम
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Last edited by rajnish manga; 07-06-2013 at 12:23 PM.
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