28-07-2013, 08:02 PM | #11 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा को इस बात की संतुष्टि है कि उनके जीवन में एक रिश्ता अब तक स्थायी है. उनके और बेटे शाहिद के बीच कुछ वर्ष पहले मतभेद हो गए थे, दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई थी, लेकिन अब शाहिद अपनी मां के पास लौट आए हैं. शाहिद ने अंधेरी वेस्ट में यारी रोड पर अपनी मां को टूबीएचके फ्लैट और एक गाड़ी भेंट की है. बेटे का जिक्र आने पर नीलिमा अचानक बेहद खुश हो जाती हैं. वे बड़े उत्साही अंदाज में कहती हैं, ''आप जिस घर में बैठे हैं, यह शाहिद का दिया हुआ तो है. हमारे बीच तकरार नहीं हुई थी, तनाव हो गया था. हमारे खयालात अलग-अलग हो गए थे. शाहिद अचानक इंटीपेंडेंट हो गए. वो एक इंडीविजुअल बन गए. वह बुरा दौर अब खत्म हो चुका है. हम बीबीएम के जरिए चौबीस घंटे संपर्क में रहते हैं. शाहिद के साथ सार्वजनिक स्थलों पर न नजर आने के बाबत नीलिमा कहती हैं कि मुझे हर जगह पर कूद-कूदकर जाना पसंद नहीं हैं. जहां शाहिद बुलाते हैं, मैं वहां जरुर जाती हूं.
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28-07-2013, 08:02 PM | #12 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा के छोटे बेटे ईशान अपने बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए अभिनेता बनना चाहते हैं. नीलिमा बताती हैं, ''ईशान अपने भाई से बहुत मोहब्बत करता है. शाहिद को वह आइडियलाइज करता है. शाहिद की तरह वह मिमिक्री अच्छी करता है. वह पैदाइशी कलाकार है. वह साढ़े पंद्रह साल का है, लेकिन इंडीविजुअल है. अपने तरीके से जिंदगी जीता है. वह गयारहवीं में पढ़ रहा है. उसने साइकॉलोजी, इंगिलश और बिजनेस सब्जेक्ट लिया है. कहता है कि मम्मी अगर मुझे एक्टर बनना है तो साइकॉलोजी से मुझे बहुत मदद मिलेगी. बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मास मीडिया की पढ़ाई करना चाहता है. उसके बाद एक्टिंग की ट्रेनिंग शुरू करना चाहता है.
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28-07-2013, 08:04 PM | #13 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
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28-07-2013, 08:05 PM | #14 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा लंबे अंतराल के बाद न सिर्फ फिल्मों में बल्कि स्टेज पर भी वापस लौट आई हैं. उन्होंने हाल में कुछ लोग नाम की एक फिल्म की शूटिंग पूरी की है. दोबारा अपनी सक्रियता के बारे में नीलिमा कहती हैं, ''मुझे अपना योगदान देना है. मिलिंद उके, जिन्होंने पाठशाला बनाई थी, उनकी फिल्म में मैंने सेंट्रल रोल किया. बहुत अच्छी तरह मेरी वापसी हुई है. मैं कोरियोग्राफी में अपना योगदान देना चाहती हूं. नीलिमा ने पिछले वर्ष निर्देशन में आने की घोषणा की थी. उन्होंने नवाब नौटंकी फिल्म की घोषणा की थी. उस बारे में वे कहती हैं, ''मेेरे छोटे शाहबजादे ईशान के बोर्ड एक्जाम आ गए थे, जिसके कारण फिल्म रुक गई थी. मैंने पिछले महीने उस पर दोबारा काम शुरू किया. सिनेमा समय के साथ बदलता रहता है. इसलिए हमें स्क्रिप्ट पर फिर से काम करना पड़ रहा है. नवाब नौटंकी आज के यंगस्टर की कहानी है. उनके मसलों की कहानी है. इसमें पुराने और नए जमाने की खूबसूरती है.
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28-07-2013, 08:06 PM | #15 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा ने पहला ड्राफ्ट गोविंदा को ध्यान में रखकर लिखा था, लेकिन उनका बाजार भाव कमजोर होने के कारण उन्होंने उन्हें फिल्म में कास्ट करने का विचार छोड़ दिया. नीलिमा ने अब चुन्नू नवाब के किरदार को मॉडर्न यंगस्टर का लुक दे दिया है. नवाब नौटंकी की स्क्रिप्ट पर अब वे नए सिरे से काम कर रही हैं. शाहिद के साथ संबंध सुधरने के बाद ऐसा तो नहीं है कि वे उनके लिए स्क्रिप्ट लिख रही हैं. नीलिमा कहती हैं, ''मैं सबसे पहले अपनी स्क्रिप्ट शाहिद को भेजूंगी. अगर उसे पसंद आती है और वह मेरी फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो जाता है तो इसमें मेरी ग्रोथ है. वह मेरा फेवरेट एक्टर है. वैसे भी, मैं बेटे से स्क्रिप्ट के बारे में फीडबैक तो जरुर लूंगी.
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28-07-2013, 08:07 PM | #16 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा इस संभावना से इंकार नहीं करती हैं कि नवाब नौटंकी में अगर शाहिद काम करते हैं तो वे उनके साथ अभिनय कर सकती हैं. नीलिमा कहती हैं, ''फिल्म में हीरो की मां कायसरा का किरदार है. लोग कह रहे हैं कि मैं इस रोल को अच्छी तरह निभा सकती हूं. काबिले जिक्र है कि नीलिमा ने इश्क विश्क फिल्म में बेटे शाहिद के साथ पहली बार काम किया था. नीलिमा कहती हैं कि वो बहुत छोटा रोल था. पता नहीं क्यों शाहिद का नाम आते ही लोग पंकज जी के बारे में ज्यादा सोचते हैं. नीलिमा ने बताया कि अगले साल फरवरी तक नवाब नौटंकी की शूटिंग आरंभ होगी. अपने बेटे की लोकप्रियता और उनके स्टारडम का लाभ उठाने के विषय में पूछने पर नीलिमा कहती हैं, ''ऐसी वैल्यूज नहीं हैं मुझमें. वरना मैं पांच साल से अपनी फिल्म को लेकर स्ट्रगल नहीं कर रही होती.
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28-07-2013, 11:08 PM | #17 |
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Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
अपनी शर्तों पर जीवन जीने वाली असाधारण शख्सियत का नाम है नीलिमा अज़ीम - उत्कृष्ट कत्थक नृत्यांगना, स्टेज आर्टिस्ट और भी न जाने क्या क्या. उसमें है जिजीवषा, किसी भी परिस्थिति में हार न मानने का मनोबल और अपने उद्देष्य के प्रति एकनिष्ठ लगन. आह! इतनी छोटी उम्र में इतना कुछ सहन करना पड़ा.
हमारी दुआ है कि वह अपने प्रोजेक्ट्स में खूब सफल हो. नीलिमा अज़ीम की बहुआयामी शख्सियत को फोरम पर प्रस्तुत करने के लिये आपका आभार, जय जी. 1977 में नाटक "अनारकली, अकबर, सलीम" की रिहर्सल के दौरान नीलिमा अज़ीम और पंकज कपूर के बीच प्यार हुआ. इस नाटक का एक दृष्य नीचे प्रस्तुत है: Last edited by rajnish manga; 29-07-2013 at 12:49 AM. |
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