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23-09-2015, 10:57 PM | #1 | |
Super Moderator
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
इन हसीं गलियों में तुम हमें ढूँढा करना आँखों आँखों में वो कह जाते है बातें सारी और कहते हैं कि अब बैठ के सोचा करना (अनु जसरोटिया)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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24-09-2015, 07:33 PM | #2 | |
Member
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
निर्धन के दीपक सी बुझती सी मूक व्यथायें, प्राणों की चित्रपटी में आँकी सी करुण कथायें. (महादेवी वर्मा) |
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05-11-2016, 01:27 AM | #3 |
Junior Member
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
न जी भर के देखा, न कुछ बात की।
बड़ी आरज़ू थी मुलाकात की। (डा. बशीर बद्र) |
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अन्ताक्षरी, कविता, गजल, गीत, शायरी, शेर, antakshari |
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