01-03-2013, 11:11 PM | #1 |
Diligent Member
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खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
मंदिर में खोज उसे . न ही मस्जिद में कर तलाश , खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर - जा ज़िन्दगी गरीब की बस्ती में जा के देख , “जीना है तो सुकून के पहलू तलाश कर ” मत खोज बम धमाकों में परवर दिगार को खामोशियों में जा के उसे तू तलाश कर ! दर -दर की ख़ाक छन रहा है तू बेखबर , पहले उसे तू अपने ही बाजू तलाश कर - खाने में गोश्त क्या मज़ा रक्खा है ''' नामदेव''' लोकी भी खा कभी , कभी कद्दू तलाश कर - सोमबीर ''''नामदेव '''' |
01-03-2013, 11:26 PM | #2 |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
वाह ... सोमवीरजी। आज आपका एक अलग और कुछ और भाने वाला कवि-रूप देखने को मिला। सच कहूं, तो आपका यह सृजन पढ़ कर हृदय आनंदित हो गया। अनुरोध है कि इसी काव्य धारा के कुछ और रत्न यदि आपके अंतर्मन से निसृत हों, तो उन्हें फोरम पर अवश्य पेश करें। धन्यवाद।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
02-03-2013, 04:11 PM | #3 | |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
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आदि से अंत तक आपने एक व्यक्ति द्वारा अर्थहीन अभियानों में अपने समय और शक्ति के दुरूपयोग की ओर इशारा किया है. जीवन की सार्थकता हमें इधर उधर भटकने से हासिल नहीं होती बल्कि अपनी मानसिक क्षमताओं के सही और पैने इस्तेमाल से हम अपने लक्ष्य को सहज ही प्राप्त कर सकते हैं. आपकी इस रचना में न सिर्फ विषय का निर्वहन बहुत संतुलित रूप से हुआ है बल्कि अभिव्यक्ति भी बहुत संवेदनशील एवं प्रभावशाली बन पड़ी है. कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर यह एक प्रशंसनीय रचना है. इस सुन्दर रचना को फोरम पर शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद, सोमबीर जी. |
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03-03-2013, 08:43 PM | #4 |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
अद्भुद पंक्तियाँ हैं बन्धु। ढेर सारा आभार बन्धु।
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
03-03-2013, 08:50 PM | #5 | ||
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
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और मैंने उसमे सुधार करने की अपने सत्र पर पूरी कोशिश की है आगे भी करता रहूँगा ! आप सब के विचार ही मेरी सम्पति है मैं आप सब का हार्दिक रूप आभार व्यक्त करता हूँ |
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04-03-2013, 08:26 PM | #6 |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
Tarif ke liye shabd nahi hai :love:
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Kitni ajeeb thi teri ishq-e-mohabbat.... ki ek Aankh Samundar bani to dooji Pyas.... |
04-03-2013, 10:09 PM | #7 |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
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09-09-2013, 12:44 AM | #8 |
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Re: खुद में मिलेगा तुझको खुदा तू तलाश कर -
क्या कहने जनाब बहुत खूब.
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