28-04-2013, 05:29 PM | #11 |
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Re: कोई याद आ गया
धीरे से ये तेरा मुस्काना... मुझे दोष ना देना जग वालों .... हो जाए अगर दिल दीवाना ... .... ये विशाल नयन जैसे नील गगन ... पंछी की तरह खो जाऊं मैं ... सिरहाना जो हो तेरी बाहों का अंगारों पर सो जाऊं मैं मेरा बैरागी मन डोल गया देखी जो अदा तेरी मस्ताना ..... ...... तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर तू सुन्दरता की मूरत है... किसी और को शायद कम होगी मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है ... पहले भी बहुत दिल तरसा है तू और न दिल को तरसाना .... ...... चन्दन सा बदन चंचल चितवन ... धीरे से ये तेरा मुस्काना... मुझे दोष ना देना जग वालों .... हो जाए अगर दिल दीवाना .
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
28-04-2013, 05:32 PM | #12 |
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Re: कोई याद आ गया
ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम
दो जिस्म मगर इक जान हैं हम इक दिल के दो अरमान हैं हम ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम ...... तन सौंप दिया मन सौंप दिया कुछ और तो मेरे पास नहीं जो तुमसे है मेरे हमदम भगवान से भी वो आस नहीं जिस दिन एक दूजे के इस दुनिया से अनजान हैं हम इक दिल के दो अरमान हैं हम ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम ....... सुनते हैं प्यार की दुनिया में दो दिल मुश्किल से समाते हैं क्या गैर वहां अपनों तक के साए भी न आने पाते हैं हमने आख़िर क्या देख लिया क्या बात है क्यूँ हैरान हैं हम इक दिल के दो अरमान हैं हम ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम ...... मेरे अपने अपना ये मिलन संगम है ये गंगा जमुना का जो सच है सामने आया है जो बीत गया इक सपना था ये धरती है इंसानों की कुछ और नहीं इंसान हैं हम इक दिल के दो अरमान हैं हम ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम ..... ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम दो जिस्म मगर इक जान हैं हम इक दिल के दो अरमान हैं हम ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम
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02-05-2013, 05:50 PM | #13 |
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Re: कोई याद आ गया
हम थे जिनके सहारे
वो हुए न हमारे डूबी जब दिल की नैया सामने थे किनारे ....... क्या मोहब्बत के वादे क्या वफ़ा के इरादे रेत की हैं दीवारें जो भी चाहे गिरा दे ........ है सभी कुछ जहाँ में दोस्ती है वफ़ा है अपनी ये कम नसीबी हमको न कुछ भी मिला है ......... यूँ तो दुनिया बसेगी तन्हाई फिर भी डसेगी जो ज़िन्दगी में कमी थी वो कमी तो रहेगी ..... हम थे जिनके सहारे वो हुए न हमारे डूबी जब दिल की नैया सामने थे किनारे
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02-05-2013, 05:56 PM | #14 |
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Re: कोई याद आ गया
एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ... मेरा दिल न खिला.... सारी बगिया खिले भी तो क्या है .... ..... धरती हूँ मैं और तू है गगन ... होगा कहाँ तेरा मेरा मिलन .... लाख पहरे यहाँ प्यार दिल में पले भी तो क्या है ... एक तू ना मिला ... सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ... ..... तकदीर की मैं कोई भूल हूँ ... डाली से बिछड़ा हुआ फूल हूँ साथ तेरा नहीं संग दुनिया चले भी तो क्या है .... एक तू ना मिला ... सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ... .... तुझसे लिपट कर जो रो लेते हम ... आंसू नहीं थे ये मोती से कम ... तेरा दामन नहीं ये आंसू ढले भी तो क्या है .... एक तू ना मिला ... सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ... ....... एक तू ना मिला ... सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ... मेरा दिल न खिला.... सारी बगिया खिले भी तो क्या है ....
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02-05-2013, 10:00 PM | #15 |
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Re: कोई याद आ गया
इतना तो याद हैं मुझे, की उन से मुलाक़ात हुयी
बाद में जाने क्या हुआ, ना जाने क्या बात हुयी वादे वफ़ा के करके, कस्में उठा के किसी पे दिल लूटा के, चला आया नज़रे मिला के, नींद अपनी गवां के कसक दिल में बसा के, चला आया दिन तो गुजर जाएगा, क्या होगा जब रात हुयी मारे हया के, मैं तो आँखे झूका के ज़रा दामन बचा के चली आयी परदा हटा के, उन की बातों में आके उन्हें सूरत दिखा के चली आयी किस से शिकायत करू, शरारत मेरे साथ हुयी थी एक कहानी, पहले ये जिंदगानी उन्हें देखा तो जीना मुझे आया दिलबर ओ जानी, शर्म से पानी पानी हुयी मैं बस, पसीना मुझे आया ऐसे मैं भीग गयी, जैसे के बरसात हुयी
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06-05-2013, 07:16 PM | #16 |
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Re: कोई याद आ गया
रात के हमसफ़र, थक के घर को चले झूमती आ रही, हैं सुबह प्यार की देख कर सामने रूप की रौशनी फिर लूटी जा रही, हैं सुबह प्यार की सोने वालों को हँस कर जगाना भी हैं रात के जागतों को सुलाना भी हैं देती हैं जागने की सदा साथ ही लोरीयाँ गा रही है, सुबह प्यार की रात ने प्यार के जाम, भर कर दिए आँखों आँखों से जो मैंने तुमने पिए होश तो अब तलक जा के लौटे नहीं और क्या ला रही है, सुबह प्यार की क्या क्या वादे हुए, किस ने खाई कसम इस नयी राह पर, हम ने रखे कदम छूप सका प्यार कब, हम छूपाये तो क्या सब समझ पा रही है, सुबह प्यार की
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
12-09-2013, 12:25 AM | #17 |
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Re: कोई याद आ गया
वाह वाह बहुत खूब.
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