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Old 01-11-2012, 10:23 AM   #41
omkumar
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होंठों से छू लो तुम - Hothon Se Chhoo Lo Tum (Jagjit Singh)
Album/Movie : आवाज़/प्रेम गीत (1981)
Music By : जगजीत सिंह
Lyrics By : इन्दीवर
Performed By : जगजीत सिंह


होंठों से छू लो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो

ना उम्र की सीमा हो
ना जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नयी रीत चलाकर तुम
ये रीत अमर कर दो

आकाश का सूनापन
मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम
आ जाओ जीवन में
सांसें देकर अपनी
संगीत अमर कर दो

जग ने छीना मुझसे
मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किये मुझसे
मैं हरदम ही हारा
तुम हार के दिल अपना
मेरी जीत अमर कर दो
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Old 01-11-2012, 10:25 AM   #42
omkumar
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होशवालों को खबर क्या - Hoshwalon Ko Khabar Kya (Jagjit Singh)
Album/Movie : सरफ़रोश (1999)
Music By : जतिन-ललित
Lyrics By : निदा फाजली
Performed By : जगजीत सिंह


होशवालों को खबर क्या
बेखुदी क्या चीज़ है
इश्क कीजिये फिर समझिये
ज़िन्दगी क्या चीज़ है

उनसे नज़रें क्या मिलीं
रौशन फिजाएं हो गयीं
आज जाना प्यार की
जादूगरी क्या चीज़ है

बिखरी जुल्फों ने सिखाई
मौसमों को शायरी
झुकती आँखों ने बताया
मैकशी क्या चीज़ है

हम लबों से कह ना पाए,
उनसे हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं
ये ख़ामोशी क्या चीज़ है
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Old 01-11-2012, 10:25 AM   #43
omkumar
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चिट्ठी ना कोई सन्देश - Chitthi Na Koi Sandesh (Jagjit Singh)

Movie/Album: दुश्मन (1998)
Music By: उत्तम सिंह
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: जगजीत सिंह


चिट्ठी ना कोई सन्देश
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस
जाने वो...

एक आह भरी होगी
हमने ना सुनी होगी
जाते जाते तुमने
आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त यही है गम
उस वक़्त कहाँ थे हम
कहाँ तुम चले गए

हर चीज़ पे अश्कों से
लिखा है तुम्हारा नाम
ये रस्ते घर गलियाँ
तुम्हें कर ना सके सलाम
हाय दिल में रह गई बात
जल्दी से छुड़ा कर हाथ
कहाँ तुम चले गए

अब यादों के कांटे
इस दिल में चुभते हैं
ना दर्द ठहरता है
ना आंसू रुकते हैं
तुम्हें ढूंढ रहा है प्यार
हम कैसे करें इकरार
के हाँ तुम चले गए
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Old 01-11-2012, 10:25 AM   #44
omkumar
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Default Re: Ghazals of Jagjit Singh

तेरा चेहरा कितना सुहाना - Tera Chehra Kitna Suhana (Jagjit Singh)
Movie/Album : यूनिक (1996)
Music By : जगजीत सिंह
Lyrics By : कैफ भोपाली
Performed By : जगजीत सिंह


तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है

तिरछे तिरछे तीर नज़र के लगते हैं
सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता है

आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है

सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है
हंसता चेहरा एक बहाना लगता है

माशूक का बुढ़ापा लज्ज़त दिला रहा है
अंगूर का मज़ा अब किशमिश में आ रहा है
बुझते बुझते...
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Old 01-11-2012, 10:25 AM   #45
omkumar
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Default Re: Ghazals of Jagjit Singh

कल चौदहवीं की - Kal Chaudhvin Ki (Jagjit Singh)
Movie/Album : खामोशी
Performed By : जगजीत सिंह


कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
कुछ ने कहा ये चाँद है
कुछ ने कहा, चेहरा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी

हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम से भी सब पुछा किए
हम हंस दिए, हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा

इस शहर में किस्से मिलें
हम से तो छूटी महफिलें
हर शख्स तेरा नाम ले
हर शख्स दीवाना तेरा

कूचे को तेरे छोड़ कर
जोगी ही बन जायें मगर
जंगल तेरे, पर्वत तेरे
बस्ती तेरी, सेहरा तेरा

बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
आशिक तेरा, रुसवा तेरा
शायर तेरा, इंशा तेरा
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Old 18-09-2013, 12:05 PM   #46
hiteshpawar1420
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hiteshpawar1420 is on a distinguished road
Default Re: Ghazals of Jagjit Singh

Indian ghazals are indeed a treat to someone who loves classical music.. a big thanks to the great singers
hiteshpawar1420 is offline   Reply With Quote
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