26-09-2013, 12:53 PM | #1 |
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लबोँ पे लब के अंगारे
... लबोँ पे लब के अंगारे इरादोँ मेँ क़यामत है जले शोला बदन तेरा कि आँखोँ मेँ इजाज़त है बड़ा तड़पा हूँ जानेमन अकेले मेँ जुदाई मेँ जरा पहले कहा होता हमेँ तुमसे मुहब्बत है ... मुक्तक - आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri . . . . . . . . . . . . . . . . . . . पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 26-09-2013 at 04:02 PM. |
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