08-03-2014, 05:39 AM | #1 |
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गीत- हैँ उलझते आज मेरे गीत से
॰॰॰ हैँ उलझते आज मेरे गीत से ये तेरे अंदाज दिल की भीत से ॰॰॰ तूँ जवाँ तेरी जवाँ मुस्कान है इन गुलोँ की तुमसे ही पहचान है पर तुझे मैँ छू नहीँ सकता कभी जाने किसकी ऐ सनम तूँ जान है मैँ बँधा हूँ आज उनकी प्रीत से- हैँ उलझते आज मेरे गीत से ये तेरे अंदाज दिल की भीत से ॰॰॰ तूँ रहे दिल की मेरे तस्वीर मेँ जाने तुम किसकी लिखी तकदीर मेँ वक्त मेरे आशिकी का खो गया अब न आँखेँ डूबतीँ हैँ नीर मेँ प्यार मत करना तूँ ऐसे मीत से- हैँ उलझते आज मेरे गीत से ये तेरे अंदाज दिल की भीत से ॰॰॰ जी करे तेरी अदा को चूम लूँ और जुल्फोँ की घटा मेँ झूम लूँ पर न जाने बात जँचती ये नहीँ मैँ तेरी बाँहोँ मेँ दुनिया घूम लूँ हार ही जायेँगे ऐसी जीत से- हैँ उलझते आज मेरे गीत से ये तेरे अंदाज दिल की भीत से... गीतकार- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 08-03-2014 at 02:43 PM. |
08-03-2014, 10:41 AM | #2 |
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Re: गीत- हैँ उलझते आज मेरे गीत से
बहुत सुन्दर गीत है, मित्र. आप हर विधा में अच्छा लिख रहे है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
16-03-2014, 09:46 AM | #3 |
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Re: गीत- हैँ उलझते आज मेरे गीत से
हार्दिक आभार आदरणीय rajneesh manga जी!
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