09-04-2014, 11:02 PM | #1 |
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सही सरकार मिल कर चुनें....bansi
खुल के उस से मेरी दिल से बात हो गयी मैने कहा भ्रष्टाचार से अब तो चले जाओ यहाँ से बहुत उत्पात है तुमने मचा दिया मंत्रियों तक को भी जेल भिजवा दिया तुम्हारी वजह से आम आदमी की आफ़त में है जान आम इंसान हो रहा है बहुत परेशान तुम्हारे जाने से ही होगा देश का कल्याण होगा आम आदमी की परेशानियों का निदान भ्रष्टाचार बोला मैं कभी किसी के पास जाता नहीं एक बार जिसने मुझे अपनाया उसे छोड़ता नहीं इंसान प्यार में बेवफ़ाई करते हैं मगर मैं कभी किसी को भी धोखा देता नहीं जो एक बार दामन पकड़ता है मेरा उस का साथ कभी मैं छोड़ता नहीं अगर मैं आपका देश छोड़ जाउँगा आधी से ज़ियादा जनता को मरा पाउँगा कितने कारोबारी मर जाएँगे कितनी जनता मर जाएगी हर गली से हर कूचे से रोने की आवाज़ आएगी जगह जगह तबाही मच जाएगी लाशों के अंबार लग जाएँगे लाशों के लिए लकड़ी भी ना जुटा पाएँगे मैं यहाँ खुद तो आया ना था मैने किसी को अपने पास बुलाया ना था सब के खून का पाप मैं अपने सिर ले सकता नहीं इस लिए मैं आप के देश से जा सकता नहीं मुझे बात सुन के बहुत गुस्सा आया खुल के मैं कुछ कह ना पाया लगा उसकी बात में तो दम है इस के लिए ज़िम्मेदार तो हम हैं बोला जब जनता का हुजूम तुझे भगाएगा तू तो क्या तेरा बाप भी यहाँ से भागेगा कह तो दिया मैने उसे बड़े गुरूर से सोच में पड़ गया करेंगे तो करेंगे कैसे मगर भ्रष्टाचार तो जाएगा तभी जब उसे अपने जीवन से निकालेंगे सभी वक़्त आ गया है हालात बदलने का एक नयी अच्छी सरकार चुनने का अगर सही सरकार मिल कर चुनेंगे हम तभी मिलकर भ्रष्टाचार को भगा सकेंगे हम देश को प्रगति की राह पर चला सकेंगे हम ‘बंसी’ देश को प्रगति की राह पर चला सकेंगे हम बंसी(मधुर) edit note: 1. फॉण्ट साइज़ 5 से चार किया गया है. 2. टाइपिंग की त्रुटियों का निराकरण निम्न प्रकार से किया गया है: भाराष्टाचार, भरषटाचार = भ्रष्टाचार / जयो = जाओ / मंत्रीयों = मंत्रियों / तभाही = तबाही / गुसा = गुस्सा / कुच्छ = कुछ /ज़ीमेवार = ज़िम्मेदार / किया = क्या / प्रगती = प्रगति Last edited by rajnish manga; 10-04-2014 at 11:34 AM. |
10-04-2014, 11:45 AM | #2 |
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Re: सही सरकार मिल कर चुनें....bansi
यहाँ आपने परिवर्तन के मुद्दे को बहुत सशक्त तरीके से उठाया है. उक्त रचना में आपने भ्रष्टाचार के संदर्भ से भी अच्छा व्यंग्य प्रस्तुत किया है. भ्रष्टाचार का यह कथन एक कटु सत्य है:
अगर मैं आपका देश छोड़ जाउँगा आधी से ज़ियादा जनता को मरा पाउँगा कितने कारोबारी मर जाएँगे कितनी जनता मर जाएगी हर गली से हर कूचे से रोने की आवाज़ आएगी जगह जगह तबाही मच जाएगी लाशों के अंबार लग जाएँगे लाशों के लिए लकड़ी भी ना जुटा पाएँगे मैं यहाँ खुद तो आया ना था मैने किसी को अपने पास बुलाया ना था सब के खून का पाप मैं अपने सिर ले सकता नहीं इस लिए मैं आप के देश से जा सकता नहीं आपको इस उत्तम रचना के लिये बधाई देना चाहता हूँ और अपना धन्यवाद भी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
10-04-2014, 01:38 PM | #3 | |
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Re: सही सरकार मिल कर चुनें....bansi
Quote:
Aapne spelling mistakes bhi theek kardi hain bahut bahut dhanyavad Last edited by Bansi Dhameja; 10-04-2014 at 01:44 PM. |
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10-04-2014, 03:56 PM | #4 |
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Re: सही सरकार मिल कर चुनें....bansi
sahi bat ,sahi sarkar chunna hamara farz hai,tabhi to desh aage bhdega
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10-04-2014, 10:43 PM | #5 |
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Re: सही सरकार मिल कर चुनें....bansi
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