21-06-2014, 10:32 AM | #1 |
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चेतेश्वर पुजारा और वनडे
पुजारा ने जितने भी वनडे मैच खेले हैं उन मैचों के आंकड़े भी यही कहते हैं कि इस बल्लेबाज के लिए वनडे की राह अभी आसान नहीं है। उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत अगस्त 2013 में की। जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने दो मैच खेले जिसमें उन्होंने पहले मैच में 13 जबकि दूसरे मैच में शून्य पर आउट हो गए। इसके बाद एक बार फिर बांग्लादेश के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में उन्हें आजमाया गया। हालांकि बांग्लादेश की टीम उतनी मजबूत नहीं थी और उनके पास एक बेहतर मौका था खुद को वनडे खिलाड़ी के तौर पर स्थापित करने का, मगर वो चूक गए। तीन मैचों की इस सीरीज में उन्होंने अपनी क्षमता के हिसाब से तो बिल्कुल भी प्रदर्शन नहीं किया। सीरीज के पहले मैच में वो शून्य पर आउट हुए। उनके खराब प्रदर्शन का सिलसिला दूसरे मैच में भी जारी रहा है इस मैच में भी वो 34 गेंदों में 11 रन बनाकर आउट हो गए। तीसरे मैच में भी जब टीम को रन की जरूरत थी वो टेस्ट मैच की तरह ही बल्लेबाजी करते नजर आए और 63 गेंदों में महज 27 रन ही बना पाए। सबसे दिलचस्प बात ये कि इन तीनों ही मैचों में वो एलबीडब्ल्यू आउट हुए। वो बल्लेबाज जो तकनीकी तौर की कितना सक्षम है ये किसी से भी छिपा नहीं है और ऐसे में वो बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन करता है इससे उन पर कई सवाल उठते हैं। यहीं नहीं फटाफट क्रिकेट यानी आइपीएल में भी उन्हें पंजाब टीम की तरफ से ओपनर के तौर पर आजमाया गया। उन्होंने टीम के लिए कुछ उपयोगी पारियां भी खेली मगर वो इतनी धीमी पारी थी कि उन्हें बाद के मैचों में बिठा दिया गया और उनकी जगह टीम के किसी और खिलाड़ी से ओपनिंग करवाई गई। ऐसे में इसमें कोई दो राय नहीं है कि टेस्ट टीम में वो टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं मगर वनडे क्रिकेट में वो टीम इंडिया के लिए तो फिलहाल बिल्कुल भी फिट नजर नहीं आते। वैसे एक बात जरूर है कि महज 26 साल के पुजारा भविष्य में और ज्यादा मेहनत करके वनडे टीम के लायक बन सकते हैं मगर इस फॉर्मेट के लिए फिलहाल उनकी राह आसान तो नजर नहीं आती।
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