08-09-2014, 09:24 PM | #1 |
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ऑनलाइन भिखारी
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08-09-2014, 09:37 PM | #2 |
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Re: ऑनलाइन भिखारी
कहावत नहीं सुनी गुरु
बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख मांगने का कौनो फायदा नहीं होगा
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
08-09-2014, 09:43 PM | #3 |
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Re: ऑनलाइन भिखारी
अल्लाह के नाम से भीख का आधुनिक तरीका अच्छा हैआज की दुनिया में सब फ़ास्टहै तो भीख मांगने वाले क्यूँ पीछे रह जाएँ?
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08-09-2014, 11:55 PM | #4 |
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Re: ऑनलाइन भिखारी
बटर नान के साथ चिकेन बटर मशाला मिल जाये, तो काम चल जाएगा।
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09-09-2014, 10:04 AM | #5 |
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Re: ऑनलाइन भिखारी
आप लोग भिखारी के स्वाभाव से अच्छी तरह परिचित होंगे. बड़े ही अड़ियल होते हैं. चाहे जितना समझाइए- जल्दी टरकते नहीं हैं. बार-बार एक ही बात कहेंगे- ‘अल्लाह भला करे.. अल्लाह भला करे.. अल्लाह भला करे..’ अंत में या तो आप दया करके कुछ न कुछ दे ही देंगे या फिर बेदर्दी से दरवाज़ा बंद कर लेंगे. कभी-कभी तो बेदर्दी से दरवाज़ा बंद करना ही हितकर होता है नहीं तो भिखारी उल्टा आपको ही भिखारी कहने लगेंगे और आपकी आलोचना करने लगेंगे. किसी की आलोचना करना बहुत ही सरल काम है. लोग अमूमन यही करते हैं, क्योंकि कलियुग में किसी की आलोचना करना अच्छा ‘टाइम-पास’ माना जाता है. जबकि यह गलत है. आलोचना पर अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा है-
“He has the right to criticize who has the heart to help.” अर्थात “उस व्यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है जो सहायता करने की भावना रखता है.” कुछ भिखारी तो देखने से इतने दबंग लगते हैं कि आपको ‘नहीं’ कहते भी डर लगे. कुछ लोग अपने दयालु-कृपालु स्वभाव और लिहाज करने के कारण ‘नहीं’ कहने से बचते हैं. आपमें से कुछ लोगों ने वर्ष 2010 में लोकार्पित ‘अतिथि तुम कब जाओगे?’ फिल्म तो देखी ही होगी और यह गौर किया होगा कि सम्पूर्ण फिल्म ‘लिहाज’ पर आधारित थी. आजकल कौन किसका लिहाज करता है. आज के समाज में लिहाज करने की भावना नहीं है. इसीलिए जब फिल्म में लिहाज की अति दिखाई गयी तो फिल्म कॉमेडी बन गई. हास्य-व्यंग्य लेखन का यही नियम है. जो बात समाज में प्रचलित नहीं है उसकी अति का वर्णन करना ही हास्य-व्यंग्य है. जो भी हो, जब मेरे पास भीख से कमाए हुए ढेर सारे पॉइंट इकठ्ठा हो जाएँगे तो फिर मैं उसे भारी ब्याज पर उठाऊँगा और फिर जब मैं मरूँगा तो लोग आश्चर्य से कहेंगे कि ओंनलाइन भिखारी के पास से छह करोड़ पॉइंट निकले. जैसे सउदी अरब की भिखारिन मरी तो उसके पास से छह करोड़ रूपये निकले थे! Last edited by Rajat Vynar; 09-09-2014 at 04:22 PM. |
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