12-01-2015, 06:03 PM | #61 |
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Re: प्रेम ... समय
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************************************ मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... . तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,... तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .. एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी, बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी.. ************************************* |
12-01-2015, 10:05 PM | #62 |
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Re: प्रेम ... समय
very good
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12-01-2015, 10:06 PM | #63 |
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Re: प्रेम ... समय
amazing love of shree krishna and radhe rani
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12-01-2015, 10:09 PM | #64 |
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Re: प्रेम ... समय
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13-01-2015, 05:13 PM | #65 |
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Re: प्रेम ... समय
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14-01-2015, 02:52 PM | #66 |
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Re: प्रेम ... समय
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20-01-2015, 02:51 PM | #67 |
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Re: प्रेम ... समय
[QUOTE=DevRaj80;545270][color="darkgreen"][size="4"]
क्या वास्तव में प्रेम समय के साथ फीका पड जाता है सच्चे दिल से जवाब देने की कोशिश करे मित्रो .. जो समय के साथ फीका पड़ जाय वो प्रेम ही नही ...सिरफ़ आकर्षण कहलाता है . प्रेम एक महान भावना है जिसमे अपनों के लिए, जिन्हें हम बेहद प्यार करते हैं सब कुछ न्योछावर करके उनके लिए जीना चाहते hain बस ये ही एक भावना रह जाती है.-- एक पति अपनी पत्नी के लिए कहे की मेरे पहले आप इस दुनिया से विदा ले लो ये उसका अद्भुत प्रेम कहा जायेगा क्यूंकि वो अपने रहते उसका हरेक ख्याल रखेगा उसे दुखी नही होने देगा वो ये बात जनता है , ये प्रेम की पराकाष्ठा है वो जनता है की यदि वो न रहा तो, एक तो उसकी याद में उसकी पत्नी न जी पायेगी न मर पायेगी दूसरा वो ये भी जनता है की पत्नी के साथ संसार के लोग keisa सुलूक करेंगे ,...इसलिए वो पहलेअपनी पत्नी को जाने की सोचेगा और अपनी पत्नी के बिना खुद अकेले जीने का कष्ट वो सहेगा लेकिन खुद के जाने के बाद अपनी पत्नी की होने वाली दुर्दशा की कल्पना तक वो नही कर सकता हालाँकि बिना पत्नी के खुद का जीवन नरक के सामान मानता है फिर भी अथाह प्यार सच्चा प्यार मै इसे ही कहूँगी . .और यदि हम पति पत्नी के संबंध को न लेकर किसी और संबंध को लें तब भी प्यार जहा हैं वह फीके पढ़ने की कोई आशंका ही नही एक माँ अपने बेटे के लिए कुछ भी कर सकती है रात भर जग सकती है बर्तन मांजकर के दूजो के ,, बच्चों का पेट पाल सकती है खुद भूखी रहकर बच्चे को खिलाती है बाप अपना रात दिन एक करके बच्चे के लिए कमाता है ... एइसे ही हर तरह के प्यार में सदा एक ही रूप दीखता है जहाँ सिरफ़ और सिरफ़ एकही रंग होता है प्यार कभी गिरगिट की तरह रंग नही बदलता . |
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