18-02-2015, 10:16 AM | #12 |
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Re: प्रश्नचिह्न
रजत जी , आपने पवित्रा जी, kuki जी और मेरे विचार की बहुत अच्छी व्याख्या की है, जो काबिले तारीफ़ है ... बहुत बहुत धन्यवाद इतना अवश्य कहना चाहूंगी की आपने बहुत अच्छा विषय यहाँ रखा है .. क्यूंकि अक्सर हरेक इन्सान के जीवन में एईसी परिस्थियाँ आती है और इन्सान अपने जीवन में एक न एकबार ये अवश्य सोचता है की, मै तो अच्छे कर्म कर रहा हूँ फिर भी मेरे साथ एइसा बुरा क्यों हुआ .
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