12-03-2015, 10:45 PM | #11 | |
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Re: **गृहलक्ष्मी **
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जैसा की पवित्राजी ने कहा की औरतों को चाहिए के वे अपने पैरो पर खड़ी हो जाए, पैसे कमाने लगे, अपने अस्तित्व को और मज़बुत बनाएं। महिलाओं से खास कर के मेरी विनती है...जब कभी 'निर्भया कांड' जैसे मामले हो वहां चुप्पी न साधे। आपके घर का पुरुष भले बोले न बोले, आप जरुर ईसे एक मुद्दा बनाए। घर के लडकों को औरत जात की महत्ता समजाए और उसे महिला वर्ग की ईज्जत करना सिखाएं।
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13-03-2015, 12:33 AM | #12 | |
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Re: **गृहलक्ष्मी **
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और महिलाएँ चाहे कितना भी आवाज उठाएँ , स्थिति तब तक नहीं बदलेगी जब तक कि पुरुषों में नैतिकता नहीं आती।
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13-03-2015, 12:56 AM | #13 | |
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Re: **गृहलक्ष्मी **
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सभी महिला को अडोस पडोस की घरेलु हिंसा, मारपीट वगैरह के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। अगर घर के कोई पुरुष की सोच स्त्री जाती के प्रति छोटी हो....तो उसे उस की मा, बहेन, बेटी, बहु वगेरह मिलझुल के ही सुधार सकती है। यह एक जंग है। ईसमे लडाई तो लडनी ही होगी।
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13-03-2015, 01:45 PM | #14 | |
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13-03-2015, 09:18 PM | #15 | |
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14-03-2015, 12:10 PM | #16 | |
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Re: **गृहलक्ष्मी **
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हाल ही में एक विवादित डोक्युमेन्ट्री देखी , और देखने के बाद महसूस हुआ कि हम कभी सोच भी नहीं सकते कि ये समाज कितना नीचे जा चुका है । कोई भी महिला अगर इसे देखे तो शायद खुद ही बुर्का पहनना पसन्द करे या घूँघट में चले , और अगर वो ऐसा कर भी ले तब भी जरूरी नहीं है कि वो सुरक्षित रहेगी। हमारे समाज का एक बडा वर्ग इतनी निम्नतम सोच रखता है , प्रिय पवित्रा जी सबसे पहले माफ़ी चाहूंगी देर से रिप्लाई के लिए और साथ ही आपका बहुत बहुत धन्यवाद की आपने अपने इतने सुलझे हुए विचार यहाँ रखे ... जी पवित्रा जी हमारे समाज की यही विडंबना है की पुरुष में एहंकार की अधिकता है जिस वजह से वो नारी का सम्मान और आदर नहीं कर पाते .. अनपढ़ लोग नारी के साथ मारपीट करते है दारू पीकर सताते हैं और कई तरह के अत्याचार नारी सहती है किन्तु सिर्फ अनपढ़ ही नहीं पढ़े लिखे लोग कई एइसे देखे गए हैं जो नारी सम्मान की बात को समझते तक नहीं क्यूंकि उनका mane egoआड़े आता है. purush सब जानते समझते हैं की एक महिला के बिना उनका जीवन अधुरा है फिर भी वे नारी को सम्मान नहीं दे पाते .. आपने जो बुरका ओढ़ने वाली बात कही पवित्रा जी इससे मेरे मन में एक ख्याल आया की पुराने ज़माने में पर्दा प्रथा शायद हमारे पूर्वजो ने इसीलिए ही बनाई होगी, ताकि एइसे वहशियों से महिलाओं की रक्षा हो सके . किन्तु मै नहीं मानती की पर्दाप्रथा से महिलाएं सुरक्षित हो सकतीं है क्यूंकि सिर्फ चेहरा ढकने से स्त्री नहीं बच सकती. क्यूंकि मन का गंदापन उन कुछ पुरुषों के अन्दर होता है जो स्त्री को हीन समझते हैं. Last edited by soni pushpa; 14-03-2015 at 12:33 PM. |
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14-03-2015, 12:31 PM | #17 | |
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Re: **गृहलक्ष्मी **
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जी हाँ दीप जी विदेशो में भी महिलाओं पर अत्याचार होते हैं एइसा नहीं की भारत में ही होते हैं अत्याचार , क्यूंकि पुरे विश्व को इश्वर ने दो तरह के इन्सान महिला और पुरुष के रूप में विभक्त किया है . और हर जगह महिलाओं को ज्यदा सहना पड़ा है ... नारी सम्मान की बातें है हमारे शास्त्रों में की जहाँ नारी का पूजन होता है उसका सम्मान होता है( पूजन शब्द का यहाँ ये अ र्थ लगाया गया हैसम्मान से )किन्तु आज शास्त्रों की बातो को कौन मानता है? कोई नहीं.. सस्कर की कमी, निरंकुशता और बेशर्मी ने आज महिला के सम्मान को बहुत कम कर दिया है और इसलिए बलात्कार, छेड़खानी जैसी घटनाएँ बढ़ गई है समाज में . जिसे महिलाएं सह रही हैं . |
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