12-04-2015, 02:22 AM | #1 |
Diligent Member
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पढ़ लो पढ़ लो भाई- बहना
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ ÷÷÷÷ इस दुनिया में अनपढ़ रहना अपना ही अपमान है पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है तुम जो पीछे रह जाओगे अंधेरो में खो जाओगे खिल जाओगे पढ़़ कर देखो क्या से क्या तुम हो जाओगे शिक्षित हैं बस यारों मेरे उनका ही सम्मान है पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है अब ध्यान रहे यह वक्त नहीं फिर लौट दुबारा आयेगा यह पल यूँ ही जो बीत गया तो पल पल तू पछतायेगा शिक्षा का है दौर नया पर तेरा किस पर ध्यान है पढ़ पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है दुख लगता है पन्ने पर जो कोई अंगूठा छाप लगे सच कहता हूँ भाई मेरे ये जीवन का अभिशाप लगे जान इसे पहचान कि जल्दी क्यों अबतक अनजान है- पढ़ लो पढ़ लो भाई-बहना पढ़ना काज महान है गीत- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ ÷÷÷÷ पता- वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश |
12-04-2015, 01:28 PM | #2 | |
Moderator
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Re: पढ़ लो पढ़ लो भाई- बहना
Quote:
सुंदर और जन-जागृकता लाने वाला यह गीत प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद!
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