09-07-2015, 07:12 PM | #1 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
क्या हार जीवन का अंत है?
(इन्टरनेट से) क्या हार जीवन का अंत है? क्या हार के बाद उदासी, नाराज़गी, गुस्सा, अकेलापन और आत्महत्या यही बाकी रह जाता है? मुझे तो ऐसा नहीं लगता है, मैं सोचता हूँ कि हार एक नई राह की शुरुआत होती है. जिसने भी यह जाना, दुनिया ने उसे माना है. सफल व्यक्ति हार से नहीं जीवन में रूक जाने से डरते हैं. एक नदी की तरह बहना ही तो जीवन है, नदी का पानी कहीं रूक जाता है तो कुछ दिनों बाद ही उसकी पवित्रता खत्म होने लगती है. आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में अगर हर किसी को आसानी से सफलता मिलती रहे, तो इस दुनिया मे सफलता का महत्व और आनंद पूरी तरह समाप्त हो जायेगा. किसी काम को करने से पहले दिल में एक डर होता है. यह डर नाकामयाबी का भी हो सकता है और हार का भी. यही डर अधिकतर लोगों को नई राह पर चलने से रोकता भी है. अगर आप अपनी मंजिल से अज्ञात हैं और आपके रास्ते भी अनजान हैं, तो इसमें डरने की कोई बात नहीं है. ऐसा तो अक्सर बहुत से लोगों के साथ होता है. बस आपको जरूरत है आत्मविश्वास और संयम की. वैसे हार भी एक मीठा अनुभव ही तो है, जो आपके भविष्य की छोटी जीत की खुशी को दोगुना कर देती है.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 09-07-2015 at 07:19 PM. |
09-07-2015, 07:20 PM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: क्या हार जीवन का अंत है?
मेरी भगवान से हमेशा यही प्रार्थना होती है कि, “हे ईश्वर मुझे आसान सी जीत नहीं बल्कि हिम्मत दें, हर हार के बाद एक नई राह दें, आप मुझे तब तक परखो, जब तक मुझे मेरे मुक्कदर का कोहिनूर हीरा नहीं मिल जाता.”
आज के मेरे युवा दोस्तों की सबसे बड़ी रुकावट, हार का डर और उसके बाद की शर्मिंदगी का एहसास है, जो उन्हें आगे बढ़ने नहीं देता है. कुदरत का एक नियम है, गुलाब की खूशबू उसे ही मिलती है, जिसमें कांटो को सहन करने की ताकत भी होती है. गुलाब के किसी पौधे पर कांटे कम या ज्यादा हो सकते हैं, पर कांटो के बिना गुलाब नहीं खिलता है. जिस दिन आपने असफलता से अनुभव लेकर आगे बढ़ने की ठान ली, उस दिन आपकोसफलता की मंजिल पर पहुँचने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोकसकती. हार आपकेजीवन का पूर्ण विराम नहीं बल्कि यह आपके गुणों की परीक्षा है, जिसमें आपकोसफल होकर आगे बढ़ना है.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
09-07-2015, 07:22 PM | #3 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: क्या हार जीवन का अंत है?
हर किसी का जीवन असफलताओं से भरा हुआ है. कई लोग इस से आगे बढ़कर काफी ऊचाईयों तक पहुंचे हैं. उनमें से कुछ प्रचलित व्यक्तियों से हम प्रेरणा ले सकते हैं –
अमिताभ बच्चन – अपनी शुरूआती कई फिल्मों मे फ्लॉप होने के बाद भी, अमिताभ बच्चन जी कोशिश करते रहे थे. काफी मशक्कत के बाद ‘दीवार’ और ‘जंजीर’ फिल्मों से इन्हें लोकप्रियता प्राप्त हुई, जिसके बाद चालीस वर्षों में इन्होनें, लगभग 200 फिल्मों मे काम किया. इन्हें सबसे बड़ी सफलता अपनी उम्र के 57 वें वर्ष में मिली, एबीसीएल कंपनी की असफलता के बाद की चुनौती से निकल कर, कौन बनेगा करोड़पति की सफलता, हम सबके लिए एक बड़ी प्रेरणा है. धीरूभाई अंबानी – एक छोटे से गाँव के स्कूल मास्टर के बेटे ने, यमन के पेट्रोल पंप पर काम करके दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोल रिफायनरी कंपनी का निर्माण किया था. धीरूभाई का जीवन बड़े उतार-चढ़ाव से भरा रहा. इन्होनें अपने जीवन मे कई परेशानियों और आरोपों का सामना किया, और आगे बढ़ते ही रहे. कल्पना चावला, शिवखेड़ा, ऐश्वर्या राय आदि ऐसी प्रसिद्ध हस्तियाँ हैं, जिन्होनें जीवन की बड़ी असफलताओं से सीखकर, दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. यह सब भी हमारे जैसे मनुष्य ही तो हैं.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
09-07-2015, 07:24 PM | #4 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: क्या हार जीवन का अंत है?
मुझे हमेशा हरिवंशराय बच्चन जी की एक कविता “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती” से हिम्मत मिलती है –
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है, मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है, मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती, कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिन्धु में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है, मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में, मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करनें वालों की कभी हार नही होती। असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो, क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो, जब तक न सफल हो, नींद चैन की त्यागो तुम, संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम, कुछ किए बिना ही जयजयकार नही होती, कोशिश करनें वालों की कभी हार नही होती।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
Bookmarks |
Tags |
जीवन का अंत, जीवन में हार, jiwan ka ant |
|
|