15-12-2016, 10:47 PM | #41 |
Moderator
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 39 |
Re: कुछ ओर!
दुनिया ये दुनिया है बेईमानी सी, सो लगती जानीमानी सी । यह पहले तो रुमानी थी, अब भी तो है दिवानी सी! उपर से शोर मचाती है, अंदर भी है तुफानी सी । यहां सबकी एक कहानी है, खुद भी एक कहानी सी ! रंग एसे बदलती रहती है, आदत हो जैसे पुरानी सी । जब हम ही आते-जाते है, क्युं यह लगती है फानी सी ? बेशर्म हुए जब से ईन्सान, यह हो गई पानी-पानी सी ! है कैसी हमें न बतलाओ, हमको है दुनिया ज़ुबानी सी । [31.5.16]
__________________
Last edited by Deep_; 16-12-2016 at 09:35 PM. |
16-12-2016, 08:57 AM | #42 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: कुछ ओर!
बहुत सुंदर ... ग़ज़ल खुबसूरत एहसास का एक महकता गुलदस्ता है जिसका हर श'र ज़बरदस्त है. इसे शेयर करने के लिये आपका धन्यवाद, दीप जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
16-12-2016, 09:36 PM | #43 |
Moderator
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 39 |
Re: कुछ ओर!
आपका बहुत धन्यवाद रजनीश जी!
__________________
|
29-06-2017, 02:08 PM | #44 |
Moderator
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 39 |
Re: कुछ ओर!
तकलीफ मत पूछ खैरियत, तकलीफ होती है! बताने में हकीकत तकलीफ होती है! मांग कर तुम्हें खोया, यह जान कर रोया... जता कर जरुरत, तकलीफ होती है! तनहाई की कभी आदत नहीं पड़ती तनहाई की सोहबत, तकलीफ होती है! बीतने दो यादें समय के बहाव में रख कर अहमियत, तकलीफ होती है। (२९.६.१७)
__________________
|
30-06-2017, 06:11 PM | #45 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: कुछ ओर!
बहुत सुंदर ग़ज़ल. इसका एक एक शे'र भावनाओं की खुबसूरत अभिव्यक्ति से भरपूर है. धन्यवाद, दीप जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-07-2017, 12:23 PM | #46 |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 32 |
Re: कुछ ओर!
तकलीफ
[/B] मांग कर तुम्हें खोया, यह जान कर रोया... जता कर जरुरत, तकलीफ होती है! (२९.६.१७)[/QUOTE] वाह! बहुत उम्दा अभिव्यक्ति.......
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice |
02-07-2017, 12:51 AM | #47 | ||
Moderator
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 39 |
Re: कुछ ओर!
Quote:
Quote:
रजनीशजी और पवित्राजी को ढेर सारा धन्यवाद!
__________________
|
||
Bookmarks |
Tags |
कविता शायरी, कुछ और, kuchh aur, poetry |
|
|