07-01-2018, 08:33 PM | #6 |
Diligent Member
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Re: आँसू कितने सस्ते हैं
【आंशिक संपादन के बाद पुनः】
गीत- खुशहाली महंगी है कितनी आँसू कितने सस्ते हैं ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ खुशहाली महंगी है कितनी आँसू कितने सस्ते हैं क्यों आते हैं आँखों में ये दुनिया वाले हँस्ते हैं … हम तो पीड़ा झेल रहे हैं काँटे हैं अंगारे भी अंधेरों में डूब गये हैं सूरज चाँद सितारे भी सूझे ना मंजिल क्या अपनी और किधर को रस्ते हैं- क्यों आते हैं आँखों में ये दुनिया वाले हँस्ते हैं … जीवन की दुश्वारी को जब जब हमने सुलझाया है राहों ने ही राह हमारी रोक हमें उलझाया है हमको जिसने घेर लिये वे गम के सारे दस्ते हैं- क्यों आते हैं आँखों में ये दुनिया वाले हँस्ते हैं … जीवन का तो खेल खत्म जाने किसकी तैयारी है दिखता है हल्का लेकिन ये पल पल होता भारी है मन बच्चा है मन के ऊपर मन मन भर के बस्ते हैं- क्यों आते हैं आँखों में ये दुनिया वाले हँस्ते हैं … जबसे रोजी रोटी ने भी दामन अपना छोड़ा है जिसको पाई पाई जोड़ा उसने ही दिल तोड़ा है जो अपने थे वही दूर से करते आज नमस्ते हैं- क्यों आते हैं आँखों में ये दुनिया वाले हँस्ते हैं गीत– आकाश महेशपुरी |
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