My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 06-01-2018, 05:41 PM   #1
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default *अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विज&a

अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विज्ञान

*सूर्य और सात घोड़े*...

🌞 *अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विज्ञान !!*

🌞 *रोचक तथ्य*

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं तथा उनसे जुड़ी कहानियों का इतिहास काफी बड़ा है या यूं कहें कि कभी ना खत्म होने वाला यह इतिहास आज विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। विभिन्न देवी-देवताओं का चित्रण, उनकी वेश-भूषा और यहां तक कि वे किस सवारी पर सवार होते थे यह तथ्य भी काफी रोचक हैं।

🌞 *सूर्य रथ*

हिन्दू धर्म में विघ्नहर्ता गणेश जी की सवारी काफी प्यारी मानी जाती है। गणेश जी एक मूषक यानि कि चूहे पर सवार होते हैं जिसे देख हर कोई अचंभित होता है कि कैसे महज एक चूहा उनका वजन संभालता है। गणेश जी के बाद यदि किसी देवी या देवता की सवारी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है तो वे हैं सूर्य भगवान।

🌞 *क्यों जुते हैं सात घोड़े*

सूर्य भगवान सात घोड़ों द्वारा चलाए जा रहे रथ पर सवार होते हैं। सूर्य भगवान जिन्हें आदित्य, भानु और रवि भी कहा जाता है, वे सात विशाल एवं मजबूत घोड़ों पर सवार होते हैं। इन घोड़ों की लगाम अरुण देव के हाथ होती है और स्वयं सूर्य देवता पीछे रथ पर विराजमान होते हैं।

🌞 *सात की खास संख्या*

लेकिन सूर्य देव द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती है? क्या इस सात संख्या का कोई अहम कारण है? या फिर यह ब्रह्मांड, मनुष्य या सृष्टि से जुड़ी कोई खास बात बताती है। इस प्रश्न का उत्तर पौराणिक तथ्यों के साथ कुछ वैज्ञानिक पहलू से भी बंधा हुआ है।

🌞 *कश्यप और अदिति की संतानें*

सूर्य भगवान से जुड़ी एक और खास बात यह है कि उनके 11 भाई हैं, जिन्हें एकत्रित रूप में आदित्य भी कहा जाता है। यही कारण है कि सूर्य देव को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य भगवान के अलावा 11 भाई ( अंश, आर्यमान, भाग, दक्ष, धात्री, मित्र, पुशण, सवित्र, सूर्या, वरुण, वमन, ) सभी कश्यप तथा अदिति की संतान हैं।

🌞 *वर्ष के 12 माह के समान*

पौराणिक इतिहास के अनुसार कश्यप तथा अदिति की 8 या 9 संतानें बताई जाती हैं लेकिन बाद में यह संख्या 12 बताई गई। इन 12 संतानों की एक बात खास है और वो यह कि सूर्य देव तथा उनके भाई मिलकर वर्ष के 12 माह के समान हैं। यानी कि यह सभी भाई वर्ष के 12 महीनों को दर्शाते हैं।

🌞 *सूर्यदेव की दो पत्नियां*

सूर्य देव की दो पत्नियां – संज्ञा एवं छाया हैं जिनसे उन्हें संतान प्राप्त हुई थी। इन संतानों में भगवान शनि और यमराज को मनुष्य जाति का न्यायाधिकारी माना जाता है। जहां मानव जीवन का सुख तथा दुख भगवान शनि पर निर्भर करता है वहीं दूसरी ओर शनि के छोटे भाई यमराज द्वारा आत्मा की मुक्ति की जाती है। इसके अलावा यमुना, तप्ति, अश्विनी तथा वैवस्वत मनु भी भगवान सूर्य की संतानें हैं। आगे चलकर मनु ही मानव जाति का पहला पूर्वज बने।

🌞 *सूर्य भगवान का रथ*

सूर्य भगवान सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होते हैं। इन सात घोड़ों के संदर्भ में पुराणों तथा वास्तव में कई कहानियां प्रचलित हैं। उनसे प्रेरित होकर सूर्य मंदिरों में सूर्य देव की विभिन्न मूर्तियां भी विराजमान हैं लेकिन यह सभी उनके रथ के साथ ही बनाई जाती हैं।
🌞 *कोणार्क मंदिर*

विशाल रथ और साथ में उसे चलाने वाले सात घोड़े तथा सारथी अरुण देव, यह किसी भी सूर्य मंदिर में विराजमान सूर्य देव की मूर्ति का वर्णन है। भारत में प्रसिद्ध कोणार्क का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य तथा उनके रथ को काफी अच्छे से दर्शाता है।

🌞 *सात से कम या ज्यादा क्यों नहीं*

लेकिन इस सब से हटकर एक सवाल काफी अहम है कि आखिरकार सूर्य भगवान द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती हैं। यह संख्या सात से कम या ज्यादा क्यों नहीं है। यदि हम अन्य देवों की सवारी देखें तो श्री कृष्ण द्वारा चालए गए अर्जुन के रथ के भी चार ही घोड़े थे, फिर सूर्य भगवान के सात घोड़े क्यों? क्या है इन सात घोड़ों का इतिहास और ऐसा क्या है इस सात संख्या में खास जो सूर्य देव द्वारा इसका ही चुनाव किया गया।
>>>

Last edited by rajnish manga; 06-01-2018 at 07:49 PM.
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 06-01-2018, 07:04 PM   #2
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: *अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विé

<<<अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विज&a

🌞 *सात घोड़े और सप्ताह के सात दिन*

सूर्य भगवान के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं - गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। कहा जाता है कि यह सात घोड़े एक सप्ताह के सात दिनों को दर्शाते हैं। यह तो महज एक मान्यता है जो वर्षों से सूर्य देव के सात घोड़ों के संदर्भ में प्रचलित है लेकिन क्या इसके अलावा भी कोई कारण है जो सूर्य देव के इन सात घोड़ों की तस्वीर और भी साफ करता है।

🌞 *सात घोड़े रोशनी को भी दर्शाते हैं*

पौराणिक दिशा से विपरीत जाकर यदि साधारण तौर पर देखा जाए तो यह सात घोड़े एक रोशनी को भी दर्शाते हैं। एक ऐसी रोशनी जो स्वयं सूर्य देवता यानी कि सूरज से ही उत्पन्न होती है। यह तो सभी जानते हैं कि सूर्य के प्रकाश में सात विभिन्न रंग की रोशनी पाई जाती है जो इंद्रधनुष का निर्माण करती है।

🌞 *बनता है इंद्रधनुष*

यह रोशनी एक धुर से निकलकर फैलती हुई पूरे आकाश में सात रंगों का भव्य इंद्रधनुष बनाती है जिसे देखने का आनंद दुनिया में सबसे बड़ा है।

🌞 *प्रत्येक घोड़े का रंग भिन्न*

सूर्य भगवान के सात घोड़ों को भी इंद्रधनुष के इन्हीं सात रंगों से जोड़ा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हम इन घोड़ों को ध्यान से देखें तो प्रत्येक घोड़े का रंग भिन्न है तथा वह एक-दूसरे से मेल नहीं खाता है। केवल यही कारण नहीं बल्कि एक और कारण है जो यह बताता है कि सूर्य भगवान के रथ को चलाने वाले सात घोड़े स्वयं सूरज की रोशनी का ही प्रतीक हैं।
🌞 *पौराणिक गाथा से इतर*

यदि आप किसी मंदिर या पौराणिक गाथा को दर्शाती किसी तस्वीर को देखेंगे तो आपको एक अंतर दिखाई देगा। कई बार सूर्य भगवान के रथ के साथ बनाई गई तस्वीर या मूर्ति में सात अलग-अलग घोड़े बनाए जाते हैं, ठीक वैसा ही जैसा पौराणिक कहानियों में बताया जाता है लेकिन कई बार मूर्तियां इससे थोड़ी अलग भी बनाई जाती ह
🌞 *अलग-अलग घोड़ों की उत्पत्ति*

कई बार सूर्य भगवान की मूर्ति में रथ के साथ केवल एक घोड़े पर सात सिर बनाकर मूर्ति बनाई जाती है। इसका मतलब है कि केवल एक शरीर से ही सात अलग-अलग घोड़ों की उत्पत्ति होती है। ठीक उसी प्रकार से जैसे सूरज की रोशनी से सात अलग रंगों की रोशनी निकलती है। इन दो कारणों से हम सूर्य भगवान के रथ पर सात ही घोड़े होने का कारण स्पष्ट कर सकते हैं।
🌞 *सारथी अरुण*

पौराणिक तथ्यों के अनुसार सूर्य भगवान जिस रथ पर सवार हैं उसे अरुण देव द्वारा चलाया जाता है। एक ओर अरुण देव द्वारा रथ की कमान तो संभाली ही जाती है लेकिन रथ चलाते हुए भी वे सूर्य देव की ओर मुख कर के ही बैठते है !
🌞 *केवल एक ही पहिया*

रथ के नीचे केवल एक ही पहिया लगा है जिसमें 12 तिल्लियां लगी हुई हैं। यह काफी आश्चर्यजनक है कि एक बड़े रथ को चलाने के लिए केवल एक ही पहिया मौजूद है, लेकिन इसे हम भगवान सूर्य का चमत्कार ही कह सकते हैं। कहा जाता है कि रथ में केवल एक ही पहिया होने का भी एक कारण है।

🌞 *पहिया एक वर्ष को दर्शाता है !*

यह अकेला पहिया एक वर्ष को दर्शाता है और उसकी 12 तिल्लियां एक वर्ष के 12 महीनों का वर्णन करती हैं। एक पौराणिक उल्लेख के अनुसार सूर्य भगवान के रथ के समस्त 60 हजार वल्खिल्या जाति के लोग जिनका आकार केवल मनुष्य के हाथ के अंगूठे जितना ही है, वे सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। इसके साथ ही गांधर्व और पान्नग उनके सामने गाते हैं औरअप्सराएं उन्हे खुश करने के लिए नृत्य प्रस्तुत करती हैं।

🌞 *ऋतुओं का विभाजन*

कहा जाता है कि इन्हीं प्रतिक्रियाओं पर संसार में ऋतुओं का विभाजन किया जाता है। इस प्रकार से केवल पौराणिक रूप से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों से भी जुड़ा है भगवान सूर्य का यह विशाल रथ।

antar jal ke madhyam se
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 06-01-2018, 07:16 PM   #3
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: *अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विé

सूर्य तथा सूर्य के रथ के सात घोड़ों के विषय में बहुत सुन्दर जानकारी यहाँ पर आपने शेयर की है जो पौराणिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके बारे में लोगों को कम ही जानकारी है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 15-01-2018, 12:16 AM   #4
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: *अद्भुत है सूर्य रथ के सात घोड़ों से जुड़ा विé

Quote:
Originally Posted by rajnish manga View Post
सूर्य तथा सूर्य के रथ के सात घोड़ों के विषय में बहुत सुन्दर जानकारी यहाँ पर आपने शेयर की है जो पौराणिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके बारे में लोगों को कम ही जानकारी है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
बहुत बहुत धन्यवाद इस लेख पर अपने अनमोल विचार रखने के लिए भाई ..
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 12:30 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.