16-02-2019, 08:39 AM | #1 |
Diligent Member
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घर मे घुसकर मारेंगे अब
■■■■■■■■■■■ रोज-रोज छिप-छिप कर चूहों आ जाते हो सरहद में बुजदिल तुम डरपोक भिखारी जल्दी आओगे ज़द में आग लगाकर बिल में घुसना और नहीं चलने देंगे घर में घुसकर मारेंगे अब चुन-चुन कर बदला लेंगें सन्मुख आकर लड़ना तेरे वश की चोरों बात नहीं पांच मिनट भी लड़ पाओगे है तेरी औकात नहीं अँगड़ाई भी लिए अगर तो पाक तुझे दहला देंगे कैसे युद्ध लड़ा जाता है दो दिन में सिखला देंगे जितना घाव दिया है तुमने उससे भी गहरा देंगे रावलपिंडी और कराची तक झंडा फहरा देंगे रचना- आकाश महेशपुरी ■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर, पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर, उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाईल- 9919080399 |
19-02-2019, 08:23 AM | #2 |
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Re: घर मे घुसकर मारेंगे अब
बहुत सुन्दर और प्रभावशाली. पुलवामा हत्याकांड के परिप्रेक्ष्य में हर भारतीय के रोष और क्रोध का प्रगटन है यह रचना. धन्यवाद आकाश जी.
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21-02-2019, 10:12 AM | #3 |
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Re: घर मे घुसकर मारेंगे अब
(अँगड़ाई भी लिए अगर तो)
इसे "अँगड़ाई भी लिये अगर तो" पढ़ा जाय। |
21-02-2019, 10:13 AM | #4 |
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Re: घर मे घुसकर मारेंगे अब
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10-03-2019, 03:06 AM | #5 |
Diligent Member
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Re: घर मे घुसकर मारेंगे अब
{आंशिक परिवर्तन के उपरांत}
घर में घुसकर मारेंगे अब ■■■■■■■■■■■ रोज-रोज छिप-छिप कर चूहों आ जाते हो सरहद में बुजदिल तुम डरपोक भिखारी जल्दी आओगे ज़द में आग लगाकर बिल में घुसना और नहीं चलने देंगे घर में घुसकर मारेंगे अब चुन-चुन कर बदला लेंगें सन्मुख आकर लड़ना तेरे वश की चोरों बात नहीं पांच मिनट भी लड़ पाओगे है तेरी औकात नहीं अँगड़ाई भी लिये अगर तो पाक तुझे दहला देंगे कैसे युद्ध लड़ा जाता है दो पल में सिखला देंगे जितना घाव दिया है तुमने उससे भी गहरा देंगे रावलपिंडी और कराची तक झंडा फहरा देंगे रचना- आकाश महेशपुरी ■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर, पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर, उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाईल- 9919080399 |
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