09-07-2020, 08:32 PM | #1 |
Diligent Member
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भोजपुरी ग़ज़ल- बनि के आपन...
■■■■■■■■■■■■■■■■ बनि के आपन निरास कर देला हद से ज्यादा उदास कर देला हम त मिल-जुल के बस रहीं लेकिन ऊ त लफड़ा पचास कर देला जहिया बेंचेला हार सोना के खाली सगरी गिलास कर देला तास दारू मजा त दे ताटे बाकी घर के विनास कर देला दूर हरदम ग़ुरूर से रऽहऽ ई त मालिक से दास कर देला काँहें "आकाश" आज दुनिया में घात आपन ही खास कर देला ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 07/07/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 10-07-2020 at 09:08 AM. |
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