18-11-2020, 07:36 PM | #1 |
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धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद}
कष्ट हजार मिले फिर भी तुम कातर भाव लिये मत रोना, मान लिया विपदा गहरी पर बंधु सुनो तुम धैर्य न खोना, और निखार लिए दमके चमके सुन पावक पाकर सोना, है दुख भी सुख भी तुम मानव होकर लेश निराश न होना। रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- 18/11/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 |
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