06-02-2021, 09:34 AM | #1 |
Diligent Member
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मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी...
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ नहीं रहते मगर फिर भी कहीं आबाद रहते हैं दिलों में हर किसी के मौत के भी बाद रहते हैं जो होते मतलबी उनको ज़माना भूल जाता है जो जीते हैं भलाई में वही बस याद रहते हैं मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- ०५/०२/२०२१ ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाइल- 9919080399 |
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