09-02-2021, 06:39 PM | #1 |
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मौसम तो मदहोश करे...(मत्तगयंद सवैया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ मौसम तो मदहोश करे उस पे यह नैन बड़े कजरारे, काजल से शरमाय रहे अब सावन के उमड़े बदरा रे, चंचल चाल हरे चित को हम आज तुझे दिल देकर हारे, भौंह कमान न छोड़त जान कि कातिल कौन यहाँ तुमसा रे। रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- ०९/०२/२०२१ ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाइल- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 10-02-2021 at 12:53 PM. |
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