20-04-2021, 04:39 PM | #1 |
Diligent Member
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ऐ मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा
■■■■■■■■■■■■■■■■ जंगलों को नोच कर प्राण हीन करता है, ऐ मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा। नदियों में डालता है पाप सभी अपने तू, यही तुझे मृत्यु के करीब पहुँचायेगा। आँचल जो लालच के मैल से भरेगा यदि, माता धरती का तू दुलार कैसे पायेगा? रहते समय शेष होश में आ जाओ सुनो, वरना तू काल के ही गाल में समायेगा। घनाक्षरी- आकाश महेशपुरी दिनांक- 19/04/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 20-04-2021 at 05:16 PM. |
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