03-09-2021, 11:59 AM | #1 |
Diligent Member
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ओ बेवफा के प्यार में
■■■■■■■■■ जान रहे बाकिर कइसे अनजाना हो गइल ओ बेवफा के प्यार में का का ना हो गइल छूटल गाँव जवारों छूटल अउरी यार इयारी हीत नात से नाता टूटल सभे देत बा गारी दिल टूटल तऽ पागल, ई दीवाना हो गइल- ओ बेवफा के प्यार में का का ना हो गइल प्यार का कइनी, कऽ लिहनी हम अपना के बदनाम ओकरे नाव रटीले सगरो छोड़-छाड़ के काम नउवे रटते जिनिगी जेलखाना हो गइल- ओ बेवफा के प्यार में का का ना हो गइल जेकरा के हम चहनी कइनी सबसे बेसी प्यार उहे लीहल चाहेला अब देखऽ जान हमार उहे ले नाहीं बैरी ई जमाना हो गइल- वो बेवफा के प्यार में का का ना हो गइल हमरा के जे धोखा दीहल उहो नींद गँवाई जे तरे हम तड़पत बानी चैन उहो ना पाई धन-दौलत बा प्यार के पैमाना हो गइल- वो बेवफा के प्यार में का का ना हो गइल रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- ०७/१०/२००९ ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 |
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