30-05-2023, 05:11 PM | #1 |
Diligent Member
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सराफत का पुजारी हूँ (मुक्तक)
■■■■■■■■■ जिसे बच्चा कोई खेले कि वो खेला नहीं हूँ मैं लुढ़क जाऊँगा धक्के से कोई ठेला नहीं हूँ मैं सराफत का पुजारी हूँ मगर यह याद रख लेना मसल कर तुम निकल जाओगे वो ढेला नहीं हूँ मैं मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 29/05/2023 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 |
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