16-07-2024, 12:20 PM | #1 |
Diligent Member
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पाइप लागल बाटे बाकिर...
◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ पाइप लागल बाटे बाकिर टूटल मिले खड़ंजा कहीं ठेस लागेला कतहीं पड़े कुंड में पंजा छुर-छुर-छुर-छुर सड़की पर बा फेंकत कतहीं पानी केहू बूझे वाला नइखे गाँवन के परसानी कहीं ईंट के ढेरी लागल कहीं बंद बा नाका कहीं पाँक से भऽरल बाटे भच-भच करे चाका गाड़िन के कीचड़ फेंकला से का बतलाईं भाई पढ़वइअन के जूते ले ना भींजेला अब टाई कगरी-कगरी उबड़-खाबड़ बीचे बजके नाला आइल गइल छोड़ले बालो बहनोई आ साला केहू सूने वाला नइखे संकट बाटे भारी मर्द गिरेला पनडोहा में आ नारी में नारी काम त होता अइसे जइसे भऽरल जा बेगारी रिश्वत अउर कमीशन के बा खेल अभिन ले जारी नीचे से ऊपर ले सभे लूटे पारा-पारी हाल न पूछे आवे केहू नेता भा अधिकारी कविता- आकाश महेशपुरी दिनांक- 12-07-2024 ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 16-07-2024 at 05:01 PM. |
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