24-04-2011, 01:19 AM | #131 |
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Re: रोचक जानकारियां
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। Last edited by jitendragarg; 24-04-2011 at 01:29 AM. Reason: Updated the attachement! |
24-04-2011, 01:20 AM | #132 |
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Re: रोचक जानकारियां
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। Last edited by jitendragarg; 24-04-2011 at 01:29 AM. Reason: Updated the image. |
24-04-2011, 01:23 AM | #133 |
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Re: रोचक जानकारियां
फोटो छोटी आरही है ओर हमें मजा नही आरहा है इसलिए में ओर आगे नही पोस्ट कर रहा हू
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
24-04-2011, 01:31 AM | #134 | |
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Re: रोचक जानकारियां
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ज्यादा जानकारी के लिए ये सूत्र देखे! http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2134
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24-04-2011, 02:12 AM | #135 |
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Re: रोचक जानकारियां
इन 7 लोगों को नमस्कार न करें
सनातन धर्म की श्रेष्ठता का कारण उसकी परंपराओं के पीछे इंसानी जीवन से जुड़ी वैचारिक और व्यावहारिक गहराई है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक बताई गई अनेक क्रियाएं इंसान के विचार और व्यवहार को अनुशासित रख जीवन को ऊंचा उठाती है। ऐसी ही एक क्रिया है - नमस्कार। यह शारीरिक मुद्रा पूरी दुनिया में भारतीय होने की पहचान भी है। नमस्कार की मुद्रा असल में सम्मान या स्नेह प्रगट करती है। वहीं इसका असर संबंधों को गहरा ही नहीं करता, बल्कि यह छोटी-सी शारीरिक मुद्रा किसी भी इंसान के व्यक्तित्व, चरित्र और व्यवहार को भी बेहतर बनाती है। क्योंकि दोनों हाथों को मिलाकर, हल्का सा शरीर के झुकाव के साथ किया गया नमस्कार असल में सबसे पहले व्यक्ति के अहं को दूर करता है, जो अनेक मानसिक और व्यावहारिक दोषों का कारण भी है। नमस्कार द्वारा अभिवादन का यह तरीका दूसरों पर भी अच्छा असर करता है, जो आपके लिए भी सकारात्मक नतीजे देता है। क्योंकि दूसरों को दिया गया सम्मान बदले में वैसा ही सम्मान, सहयोग और प्रेम लाता है। चूंकि हर क्रिया और व्यवहार का महत्व मर्यादा के बिना अधूरा है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में नमस्कार करने के लिए भी कुछ मर्यादाएं बताई गईं है। जिनका पालन आपके साथ दूसरों के लिए भी हितकारी होती हैं। जानते हैं किसी व्यक्ति से नमस्कार किन-किन स्थितियों में न करें - जो व्यक्ति दूर हो - ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति आपके अभिवादन को न देख पाए। जिसे अनदेखी समझकर आपके मन में कलह पैदा हो सकता है। जो व्यक्ति जल में हो - जल में रहने या तैरते वक्त थोड़ी भी चूक जानलेवा हो सकती है। यह ध्यान भंग आपके नमस्कार से भी संभव है। जो व्यक्ति दौड़ रहा हो - आपके द्वारा किए गए नमस्कार से दौड़ते व्यक्ति की एकाग्रता और लय बिगडऩा उसकी चोट या ठोकर का कारण बन सकता है। धन के अहंकार से ग्रसित व्यक्ति - ऐसे व्यक्ति से नमस्कार आपके अपमान का कारण भी बन सकता है। नहाता हुआ व्यक्ति - स्नान का समय नमस्कार के लिए उचित स्थिति नहीं मानी जाती। क्योंकि यह आप और उस व्यक्ति को असहज बना सकती है। मूढ़ या मूर्ख व्यक्ति - आचरण व व्यवहार की समझ ने होने से ऐसा व्यक्ति नमस्कार की अहमियत नहीं समझता और आपकी भावना को आहत कर सकता है। जो व्यक्ति अपवित्र हो - किसी कारणवश जैसे मृत्यु संस्कार कर्म या किसी अन्य कारण से अपवित्रता के दौरान कोई व्यक्ति सहज मनोदशा में नहीं होता, तो नमस्कार उचित नहीं है।
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
26-06-2011, 09:36 AM | #136 |
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Re: रोचक जानकारियां
एक 60 साल महिला के मरने के बाद उसे ताबूत में लूट लिया गया। दरअसल डिसूजा की सिंगापुर में डेथ हो गई। डेड बॉडी को सिंगापुर से मुंबई एक ताबूत में रखकर लाया जा रहा था। ताबूत में महिला के साथ उसकी सोने की दो अंगूठियां, डॉलर, सोने की चूड़ियां, सोने की इयरिंग, नेकलेस और चॉकलेट भी रखे थे।
इन चीजों की लिस्ट पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल द्वारा दी गई थी। बाद में सिंगापुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी इनकी लिस्ट डिसूजा के परिजनों को मुंबई भिजवाई थी। मुंबई पहुंचने के बाद ताबूत को बांद्रा के भाभा अस्पताल ले जाया गया। वहां डिसूजा के बेटे एशले डिसूजा ने ताबूत खोला तो ये सारी चीजें गायब मिलीं। उसमें सिर्फ चॉकलेट रखी हुई थी। एशले ने कहा कि मैं मां से जुड़ी चीजें वापस पाने के लिए कुछ भी करूंगा क्योंकि ये मां की निशानी थी। उन्होंने उन फोटोग्राफ की भी मांग की है जो बॉडी को ताबूत में रखते समय ली गई थीं।
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
26-06-2011, 09:36 AM | #137 |
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Re: रोचक जानकारियां
दुनिया में एक बल्ब ऐसा भी है जो पिछले 110 साल से रोशन है। इस बल्ब की प्रसिद्धि का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोशल नेटवर्क साइट पर इसका फैन क्लब बन गया है। इन फैन क्लब के करीब एक हजार मेंबर बन चुके हैं।
नॉदर्न कैलिफोर्निया के लिवरमोर स्थित फायर स्टेशन-6 में लगा है यह बल्ब। यहां इसे उस समय लगाया गया था जब क्वीन विक्टोरिया की मौत हुई थी। थॉमस एडिसन की ही तरह फेमस एडोल्फ चैलेट ने इस बल्ब को डिजाइन किया था। लेकिन यह अलग है कि एडोल्फ एडिसन की तरह कामयाब नहीं हो सके। जबकि उनके बल्ब ने साबित कर दिया है कि यह हाई वॉलटेज को भी सह सकने की क्षमता रखता है। बल्ब का इतिहास इस बल्ब को सबसे पहले 1901 में एल स्ट्रीट स्थित फायर डिपार्टमेंट के होज कार्ट हाउस में लगाया गया था। कुछ दिन बाद इसे यहां से हटा कर फायर हाउस में लगा दिया गया। 1903 में नए फायर स्टेशन-1 में ले जाया गया। 1937 में फायर हाउस की मरम्मत और इसे ठीक ठाक करने के दौरान यह बल्ब करीब एक हफ्ते तक बंद रहा। पहले 75 साल तक यह बल्ब शहर की बिजली की सीधी लाइन पर 110 वॉल्ट के करंट से लगातार जलता रहा। 1976 से यह बल्ब कैलिफोनिर्या में लिवरमोर के फायर स्टेशन में जल रहा है। शुरू में यह 120 वॉल्ट के बिजली के करंट पर रोशनी फैला रहा था। तब तक किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी। फिर एक दिन एक लोकल अखबार ने इस बल्ब के बारे में लोगों को जानकारी दी। तभी से इसकी प्रसिद्धि बढ़ती गई और इसको देखने वालों की तादाद बढ़ती गई। बल्ब के प्रोटेक्टर स्टीव बन के अनुसार यह इंजीनियरिंग की एक अनूठी मिसाल है। यह साफ है कि आज के मुकाबले पहले समय में चीजें बेहतर हुआ करती थी। यह बल्ब इसी की एक मिसाल है।
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. Last edited by pankaj bedrdi; 26-06-2011 at 09:38 AM. Reason: 2 |
26-06-2011, 09:39 AM | #138 |
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Re: रोचक जानकारियां
पेइचिंग।। चीन के पेइचिंग में एक 3 साल के बच्चे के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता। यह बच्चा आठवीं मंजिल से गिरा और उसके बाद वह एयर-कंडिशनिंग कंप्रेसर और दीवार के बीच जाकर फंस गया। उसी दौरान पास से गुजर रहे एक शख्स की नजर उस पर पड़ गई। पास की ही एक दुकान पर काम करने वाले जोहू और वैंग ने अपनी जान की परवाह किए बिना उसे वहां से निकाल लिया।
आसपास के लोग इस घटना को देख इतना डर गए थे कि उन्होंने मदद के लिए पुलिस को बुला लिया, लेकिन पुलिस के आने से पहले ही इन दोनों ने बच्चे को बचा लिया। बच्चा उस फ्लैट में अपनी दादी के साथ रहता था।
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
26-06-2011, 09:39 AM | #139 |
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Re: रोचक जानकारियां
ऐसी आम धारणा है कि कौवे कभी क्राइम नहीं करते, लेकिन मुंबई के घाटकोपर में एक कौवा एक महिला की चेन लेकर उड़ गया। यह केस बाकायदा घाटकोपर पुलिस स्टेशन में आया है। हालांकि, पुलिस ने कौवे के खिलाफ लूट का मामला तो दर्ज नहीं किया, लेकिन पुलिस स्टेशन में इस मामले में मिसिंग का केस जरूर दर्ज हुआ है।
एक महिला ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई, उसके मुताबिक पिछले सप्ताह जब वह नहा रही थी, तो बाथरूम की खिड़की पर उसने अपने गले की सोने की चेन उतार कर रख दी। तभी एक कौवा वहां उड़ कर आया और फिर वह चेन को अपनी चोंच में दबाकर उड़ लिया। परेशान महिला फौरन पुलिस स्टेशन आई और केस रजिस्टर करने का दबाव डालने लगी। पुलिस के सामने बड़ी समस्या यह थी कि वह किस आधार पर केस दायर करे, क्योंकि कौवा कानून के दायरे में कहीं आता ही नहीं है। इसलिए पुलिस ने तय किया कि वह इस मामले में केस तो दायर करेगी, लेकिन सिर्फ मिसिंग का, क्योंकि जो कौवा चोंच में दबाकर सोने की चेन ले गया, वह इस चेन को खुद तो पहनने वाला नहीं और न ही अपनी किसी प्रेमिका को देनेवाला है। निश्चित तौर पर वह अब तक कहीं न कहीं इस चेन को गिरा चुका होगा। उस स्थिति में यदि किसी के हाथ यह चेन लगती है, तो पुलिस इस आधार पर उससे यह चेन अपने कब्जे में ले सकती है कि इस मामले में पुलिस स्टेशन में बाकायदा मिसिंग का केस दर्ज है। एक पुलिस अधिकारी ने मजाक करते हुए कहा कि हो सकता है कि कभी उस महिला को लगे कि उसकी चेन ले जानेवाला कौवा फिर उसके घर के इर्द-गिर्द दिख रहा है और वह पुलिस को इस बारे में टिप देने की कोशिश करे, लेकिन सूचना मिलने के बावजूद पुलिस कभी भी उस कौवे को अपनी गिरफ्त में शायद ही ले पाएगी, क्योंकि वह पुलिस के हाथ लगने से पहले ही फुर्र से उड़ जाएगा। यदि पुलिस के कब्जे में वह कौवा कभी आ भी गया, तो भी पुलिस मुकदमा सिर्फ आईडेंटिफिकेशन परेड की वजह से हार जाएगी, क्योंकि आईडेंटिफिकेशन परेड में कई कौवों को लाया जाएगा और हर कौवे का एक ही कलर और हुलिया होने की वजह से उस महिला के लिए जिसका चेन लूटा गया, असली कौवे का पहचान करना नामुमकिन होगा।
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
26-06-2011, 09:41 AM | #140 |
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Re: रोचक जानकारियां
चीन के करीब 5,000 साल पहले के एक शासक के मकबरे पर पहली अगरबत्ती जलाने के अवसर की नीलामी 11.8 लाख युआन (करीब 81 लाख रुपए) में हुई है। हेनान प्रांत के हुआईयांग में फू जी के मकबरे पर प्रार्थना के लिए रविवार को हजारों लोग इकट्ठे हुए थे, लेकिन केवल एक ही शख्स को परम्परागत रूप से पहली अगरबत्ती लगाने का अवसर मिला।
फू जी प्राचीन चीन के उन तीन सासकों में गिने जाते हैं जिन्हें ईश्वर समान माना जाता रहा है। कहा जाता है कि उन्होंने मछली पकड़ने व शिकार करने की कला का आविष्कार किया था। उन्हें स्वर्ग, झील, अग्नि, आंधी, हवा, पानी, पर्वत और पृथ्वी से जोड़कर देखा जाता है। समाचार पत्र 'शंघाई डेली' के मुताबिक हेनान झिंगयिन रियल इस्टेट कम्पनी, हेनान यक्जिंताई इन्वेस्टमेंट और गारंटी कम्पनी ने 11.8 लाख युआन की राशि चुकाकर यह विशेष अगरबत्ती खरीदी थी। पूजा समारोह के लिए पवित्र वाइन से भरे पहले कप की बिक्री 80,000 युआन में हुई। हेबेई प्रांत की शराब निर्माता कम्पनी लुझोउलाओजियाओ ने इसे खरीदा।
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