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16-09-2011, 11:42 PM | #1 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
अब क्या बोलु
दिल के अरमाँ आँसुओँ मेँ बह गए उस के बच्चे आए और मामु कह कर निकल गए
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
17-09-2011, 09:03 AM | #2 | ||||||||
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
अहा हा हा हा ...
क्या बात है ... मिजाज मस्त कर दिया यारों ... Quote:
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