26-11-2013, 07:35 PM | #91 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
- शरतचंद्र पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सदगुण की महक सब ओर फैल जाती है। - गौतम बुद्ध कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी। - रवींद्रनाथ ठाकुर |
26-11-2013, 07:41 PM | #92 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता।
- चाणक्य जो भारी कोलाहल में भी संगीत को सुन सकता है, वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है। - डॉ. विक्रम साराभाई जल में मीन का मौन है, पृथ्वी पर पशुओं का कोलाहल और आकाश में पंछियों का संगीत पर मनुष्य में जल का मौन पृथ्वी का कोलाहल और आकाश का संगीत सब कुछ है। - रवींद्रनाथ ठाकुर कविता वह सुरंग है जिसमें से गुज़र कर मनुष्य एक विश्व को छोड़ कर दूसरे विश्व में प्रवेश करता है। - रामधारी सिंह दिनकर |
26-11-2013, 07:48 PM | #93 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
धन्यवाद रजनीशजी।
कृपया इस कडी को जारी रखिए। शुभकामनाएं gv |
26-11-2013, 08:01 PM | #94 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
इन्द्रिय जीयंतां दुर्जया देहे रिपवश्चक्षुरादयः । जितेषु ननु लोकोऽयं तेषुकृत्स्नस्त्वया जितः ॥ One must control the enemies with in his own body – eyes and other senses. If one has control over them, then it is equivalent to have won over the whole world. मनुष्य को अपने शरीर के अंदरूनी शत्रुओं पर नियंत्रण करना आवश्यक है – यानि नेत्रों तथा अन्य इन्द्रियों पर. यदि कोई इनको नियंत्रित कर लेता है तो ऐसा मानना चाहिये जैसे उसने संसार को जीत लिया है. (किरातार्जुनीयम) |
26-11-2013, 08:47 PM | #95 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
राजा और मंत्री
स किंसखा साधु न शास्ति योऽधिपं हितान्न यः संशृणुते स किंप्रभुः । सदानुकूलेषु हि कुर्वते रतिं नृपेष्वमात्येषु च सर्वसंपदः ॥ (किरातार्जुनीय) His is a bad friend who does not give good advice to the king. He is a bad king when he does not listen to the good advice. Only when the king and the minister have a very good relationship, does the kingdom prosper. जो राजा को उत्तम सलाह नहीं देता वह अच्छा मित्र कहलाने लायक नहीं है. वह राजा भी श्रेष्ठ नहीं है जो उत्तम सलाह की ओर ध्यान नहीं देता. केवल उसी समय जब कि राजा और मंत्री के बीच परस्पर सौहाद्रपूर्ण सम्बन्ध हों, राज्य की उन्नति हो सकती है. (किरातार्जुनीयम) |
27-11-2013, 02:15 PM | #96 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और उद्यम सबसे बड़ा मित्र, जिसके साथ रहने वाला कभी दुखी नहीं होता।
- भर्तृहरि जिस प्रकार मैले दर्पण में सूरज का प्रतिबिंब नहीं पड़ता उसी प्रकार मलिन अंत:करण में ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिंब नहीं पड़ सकता। - रामकृष्ण परमहंस मिलने पर मित्र का आदर करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो और आवश्यकता के समय उसकी मदद करो। - अज्ञात |
27-11-2013, 03:45 PM | #97 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
प्रेरणादायक जीवनोपयोगी वचन..........
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27-11-2013, 05:20 PM | #98 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
नाव जल में रहे लेकिन जल नाव में नहीं रहना चाहिए, इसी प्रकार साधक जग में रहे लेकिन जग साधक के मन में नहीं रहना चाहिए।
- रामकृष्ण परमहंस जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती। - विनोबा उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। - चीनी कहावत वे ही विजयी हो सकते हैं जिनमें विश्वास है कि वे विजयी होंगे। - अज्ञात |
27-11-2013, 05:31 PM | #99 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
जहाँ मूर्ख नहीं पूजे जाते, जहाँ अन्न की सुरक्षा की जाती है और जहाँ परिवार में कलह नहीं होती, वहाँ लक्ष्मी निवास करती है।
- अथर्ववेद जीवन में कोई चीज़ इतनी हानिकारक और ख़तरनाक नहीं जितना डाँवाँडोल स्थिति में रहना। - सुभाषचंद्र बोस आपका कोई भी काम महत्वहीन हो सकता है पर महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करें। - महात्मा गांधी किताबें ऐसी शिक्षक हैं जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीक्षा लिए हमें शिक्षा देती हैं। - अज्ञात |
30-11-2013, 09:00 AM | #100 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
दुख और वेदना के अथाह सागर वाले इस संसार में प्रेम की अत्यधिक आवश्यकता है।
- डॉ. रामकुमार वर्मा जैसे सूर्योदय के होते ही अंधकार दूर हो जाता है वैसे ही मन की प्रसन्नता से सारी बाधाएँ शांत हो जाती हैं। - अमृतलाल नागर जो पुरुषार्थ नहीं करते उन्हें धन, मित्र, ऐश्वर्य, सुख, स्वास्थ्य, शांति और संतोष प्राप्त नहीं होते। - वेदव्यास नियम के बिना और अभिमान के साथ किया गया तप व्यर्थ ही होता है। - वेदव्यास अच्छी योजना बनाना बुद्धिमानी का काम है पर उसको ठीक से पूरा करना धैर्य और परिश्रम का। - कहावत |
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