11-11-2011, 05:11 PM | #91 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
वाशिंगटन ! अभिनूतन युग में दक्षिण चीन में प्रभुत्व रखने वाले एवं अब विलुप्त हो चुके विशालकाय वानर ‘गिगैंतोपिथेकस ब्लैकी’ के भारी जबडे, बड़े दांत और दंतवल्क की मोटी परत के चलते लोगों में इसके आहार के बारे में जानने के लिए हमेशा ही उत्सुकता रही है। इस विशालकाय वानर के आहार और रहने के स्थान के बारे मेें ठीक ठीक कोई जानकारी नहीं थी लेकिन वैज्ञानिकों का अब कहना है कि ये जानवर वन में निवास करते थे और केवल ऐसे पौधे ही खाता थे जो गर्म मौसम में उगते थे। चाइनीज एकेडमी आफ साइंसेस के नेतृत्व वाले अनुसंधानकर्ताओं के एक दल ने दांतों के 32 नमूने एकत्रित करके उनका विश्लेषण किया। दल ने अपने इस विश्लेषण में पाया कि यह विशालकाय वानर और अन्य स्तनधारियों केवल सी 3 जैवद्रव्य आहार (बायोमास) के रूप में लेते थे और वनों में रहते थे। ‘चाइनीज साइंस बुलेटिन’ पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों का कहना है कि गिगैंतोपिथेकस ब्लैकी और उससे संबंधित अन्य वन्यजीव अपने शरीर के लिए कार्बन केवल सी 3 जैवद्रव्य से प्राप्त करते थे।
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11-11-2011, 05:28 PM | #92 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
पन्ना में मिला 37.68 कैरेट का बेशकीमती हीरा
भोपाल ! राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने मध्यप्रदेश के पन्ना स्थित अपनी हीरा खदान में 37.68 कैरेट का बहुमूल्य हीरा खोजा है। एनएमडीसी के सहायक महाप्रबंधक राजीव वाधवा ने बताया कि पन्ना स्थित मझगवां खदान से अब तक मिले हीरों में 37.68 कैरेट का यह हीरा सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा कि एनएमडीसी के मुंबई स्थित जौहरी अगले माह पन्ना पहुंचेंगे और इस हीरे की कीमत का आकलन करेंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले जून 2010 में इस खदान से 34.37 कैरेट का हीरा मिला था, जो यहां मिलने वाला अब तक का सबसे बड़ा हीरा बताया गया था। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस 37.68 कैरेट के हीरे का मूल्य ढाई से पांच करोड़ रूपये के आसपास होगा। पन्ना स्थित हीरा खदान में एनएमडीसी ने वर्ष 1968 में काम शुरू किया था और इसके बाद से यह खदान अनेकों बेशकीमती हीरे उगल चुकी है। इस खदान में वन अधिनियम के प्रावधानों की मंजूरी लेने के लिए वर्ष 2005 से 2009 के बीच कामकाज बंद रहा, क्योंकि यह खदान पन्ना राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व के निकट स्थित है।
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11-11-2011, 06:48 PM | #93 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
अनार में छिपे है जवानी के राज
लंदन ! उम्र बढने के बावजूद यदि आप जवान दिखना चाहते हैं तो आपको फौरन अनार का सेवन शुरू कर देना चाहिए। कुदरत का यह हसीन तोहफा युवावस्था की अचूक दवा है। एक अनार सौ बीमार वाली कहावत तो आपने सुनी होगी। दरअसल सदियों से माना जा रहा है कि यह फल सैकड़ों बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। अनार हृदय रोगों, तनाव और यौन जीवन के लिए बेहतर माना जाता है। ताजा अध्ययन भी इस पारंपरिक सोच की तस्दीक करते हैं। एक नये अध्ययन के अनुसार अनार डीएनए के उम्रदराज होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। स्पेन की प्रोबेल्टबायो लेबोरेटरी के अध्ययनकर्ताओं ने एक माह तक 60 स्वयंसेवकों को अनार का गूदा, छिलका और बीज कैप्सूल की शक्ल में प्रति दिन एक माह तक दिये गये। इस दौरान अध्ययनकर्ताओं ने उनके शरीर में होने वाली रासायनिक गतिविधियों पर भी नजर रखी। साथ ही ऐसे लोगों की तुलना उन लोगों से की गयी जो प्रायोगिक औषधियां ले रहे थे। पाया गया कि अनार लेने वाले लोगों की कोशिकाओं को तोड़ने वाले तत्वों में महत्वपूर्ण कमी आयी है। इन तत्वों के कारण मस्तिष्क, मांसपेशियों, यकृत, गुर्दा के कामकाज पर असर पड़ता है और त्वचा पर उम्र के प्रभाव परिलक्षित होते हैं। डेली मेल में प्रकाशित खबर में सर्जियो स्टेटनबर्ग के हवाले से कहा कि हम अध्ययन को लेकर काफी उत्साहित हैं। अध्ययन में यह साबित हुआ है कि अनार के नियमित सेवन से डीएनए आक्सीडेशन की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि उम्र बढने की प्रक्रिया को जंग लगने या आक्सीडाइजिंग अथवा नुकसान पहुंचने की प्रक्रिया के तौर पर देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया को कम करने में अनार काफी मदद करता है। पिछले साल, ब्रिटने के क्वीन माग्ररेट विश्वविद्यालय के एक दल ने भी पाया था कि यह फल प्रौढावस्था की समस्याओं को दूर कर सकता है और काम के समय होने वाले तनाव से निपट सकता है।
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11-11-2011, 06:58 PM | #94 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
जरूरतमंद मित्र की मदद करना आपके लिए भी फायदेमंद
लंदन ! अब वैज्ञानिक अध्ययन ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि जरूरतमंद मित्र की मदद करना आपके लिहाज से भी फायदेमंद होता है। साइकोमैटिक मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के एक नये अध्ययन के अनुसार दूसरों की मदद के लिए किये गये नि:स्वार्थ कार्यों से आपके मस्तिक में अच्छा महसूस करने की प्रक्रिया तीव्र हो जाती है। अध्ययनकर्ताओं ने 20 महिलाओं का ब्रेन स्कैन किया। इन महिलाओं के साथियों को पीड़ादायक बिजली के झटके दिये गये। पाया गया कि जिन महिलाओं ने अपने पुरूष मित्रों को सांत्वना दी उनके मस्तिष्क के उन हिस्सों में रक्तसंचार बढ गया जो उपहार से संबंधित होगा। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार रक्तसंचार बढने के कारण मन में लगभग उसी तरह की प्रसन्नता की भावना पैदा हुई जैसा कि चाकलेट खाने या यौन क्रिया के समय होती है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार जब महिलाओं को सांत्वना देने का अवसर नहीं दिया गया तो मस्तिष्क में ऐसी क्रियाएं नहीं हुई। अध्ययन की सह लेखक नाओमी आइसेनबर्गर ने बताया कि चाकलेट, यौन क्रिया या धन मामलों में प्रसन्नता के समय मस्तिष्क का हिस्सा वेंट्रल स्ट्रेटम सक्रिय होता है। अब ऐसा लगता है कि जब हम दूसरों को सहयोग देते हैं तो हमें भी उसका स्वास्थ्य लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के हम करीब होते हैं उन्हें सहयोग देने से हमारा जीवन भी बढ सकता है।
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11-11-2011, 07:23 PM | #95 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
एडिनबर्ग से लंदन तक का सफर रिक्शे में
लंदन ! एडिनबर्ग से लंदन जाने में बस से जहां नौ घंटे वहीं ट्रेन से चार घंटे लगते हैं। लेकिन बीबीसी प्रस्तोता मेट बेकर ने आज यह रास्ता रिक्शे से तय किया ताकि बच्चों के लिए काम करने वाले एक ब्रिटिश परमार्थ संगठन के लिए धन एकत्र किया जा सके। उन्होंने आज सुबह एडिनबर्ग से यह सफर शुरू किया। अपनी यात्रा के पहले ही दिन उन्होंने बीबीसी चिल्ड्रन इन नीड नामक परमार्थ संगठन के लिए करीब 26 हजार पाउंड एकत्र कर लिये थे। गौरतलब है कि रिक्शे का ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल किया जाता है विशेषकर ब्रिंग्टन और लंदन में। बीबीसी चिल्डन इन नीड बीबीसी यूके का परमार्थ संगठन है। यह हर साल सीधे प्रसारण सहित विभिन्न गतिविधियों के जरिये धन एकत्र करता है। बेकर बीबीसी के ‘द वन शो’ के प्रस्तोता हैं। 484 मील की यह यात्रा एडिनबर्ग के केस्ल एस्प्लेनेड से शुरू हुई है और यह 18 नवंबर की रात में समाप्त होगी। यह यात्रा उसी समय समाप्त होगी जब वन शो का सीधा प्रसारण हो रहा होगा। इस यात्रा के दौरान वह प्रति दिन दस घंटे रिक्शा चलायेंगे और नौ हजार कैलोरी की दर से रोज अपनी कैलोरी खर्च करेंगे। यात्रा में बेकर लोगों को उपहार भी देंगे।
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11-11-2011, 07:53 PM | #96 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
उम्र बढने के साथ ही घटने लगती है अलग-अलग गंधों में फर्क करने की क्षमता
वाशिंगटन ! वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के जरिए इस बात की पुष्टि की है कि लोग 60 साल के होने के बाद लोग विभिन्न गंधों में फर्क करने की क्षमता खोने लगते हैं। इस अध्ययन के अगुवा और कोलाराडो विश्वविद्यालय स्कूल आफ मेडिसीन के वैज्ञानिक प्रोफेसर डिएगो रेस्ट्रेपो ने बताया कि अध्ययन के दौरान 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों ने दो अलग-अलग तरह के गंधों के प्रति एक जैसी प्रतिक्रिया दिखाई। अध्ययन के दौरान युवाओं ने इन्हीं गंधों के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया दिखाई। इस अध्ययन के परिणामों को ‘न्यूरोबायोलॉजी आफ एजिंग’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
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11-11-2011, 08:00 PM | #97 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
‘कबाड़ से जुगाड़’ निकाला टेरी विश्वविद्यालय के छात्रों ने
नयी दिल्ली ! टाटा उर्जा शोध संस्थान (टेरी) विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज उत्क्रम (रिवर्स) अभियांत्रिकी को बढावा देने के लिये ‘कबाड़ से जुगाड़’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छात्रों ने ऐसी तकनीकों के बारे में बताया जिनसे कचरे को दोबारा प्रयोग में लाकर उपयोगी बनाया जा सके। संस्थान के छात्रों ने 28 नवंबर से डर्बन में होने वाले ‘जलवायु परिवर्तन सम्मेलन’ के लिये यहां हस्ताक्षर अभियान में भाग लेकर जलवायु संरक्षण के लिये प्रण लिया। संस्थान के वार्षिक कार्यक्रम ‘आह्वान’ के दौरान करीब 25 महाविद्यालयों के छात्रों ने विभिन्न नवीन तकनीकों का प्रदर्शन किया जिनसे जलवायु परिवर्तन पर लगाम लगाई जा सके। संस्थान के कुलपति प्रो. भाविक बख्शी ने इस मौके पर कहा ‘‘आज छात्रों को जलवायु संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के लिये ऐसी नई तकनीकों को विकसित करना चाहिये। हमें उम्मीद है कि ऐसे प्रयासों से पृथ्वी को प्रदूषण जैसी समस्याओं से बचाने में मदद मिलेगी।’’ अपने तरह के पहले ‘ग्रीन फेस्ट’ (हरित उत्सव) में छात्रों के लिये पर्यावरण संबंधी प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई जिसमें हंसराज कॉलेज विजयी रहा।
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12-11-2011, 04:30 PM | #98 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
एक जांच से चलेगा अल्झाइमर का पता...
वाशिंगटन ! स्मृतिलोप के सबसे सामान्य लक्षण अल्झाइमर बीमारी का एक मानसिक दबाव परीक्षण के जरिए पहले ही पता लगा लेने का वैज्ञानिकों ने दावा किया है। न्यू साउथ वेल्स की क्वींसलैंड इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल रिसर्च एंड यूनिवर्सिटी की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने परीक्षण से पहली बार दिखाया है कि मानसिक दबाव बढने के बाद मस्तिष्क की प्रतिक्रिया को जानकर भविष्य में इसमें कमी लायी जा सकेगी। टीम की अगुवाई कर रहे प्रो. माइकल ब्रेकस्पीयर ने कहा, ‘‘यह उत्साहजनक नतीजे हैं। इस नतीजों से बीमारी की रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे।’’ इस अध्ययन से वैज्ञानिकों ने 70 वर्ष से 85 वर्ष की आयु के ऐसे लोगों के एक समूह पर अध्ययन किया, जिन्हें थोड़ा भूलने की बीमारी थी जो कि स्मृतिलोप का सबसे ज्ञात कारक है। ऐसे लोगों को याद रखने के लिए कुछ कार्य दिए गए और उनके मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तनों पर निगरानी रखी गयी। अध्ययनकर्ताओं ने कहा, ‘‘ब्रेन इमेजिंग स्कैनर का इस्तेमाल करने पर मस्तिष्क में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों का पता लगाया गया। हमने दो वर्ष बाद भी इसका अध्ययन किया और पाया कि आरंभिक नतीजे या तो स्थिर थे या उसमें गिरावट आई।’’ वैज्ञानिकों ने कहा कि एक और रोचक तथ्य का पता लगा कि दबाव के दौरान सटीकता का स्तर भविष्य में मानसिक गिरावट का भी बढिया सूचक है।
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12-11-2011, 04:35 PM | #99 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
अब साफ पानी के लिए अल्ट्रा सोनिक नली
लंदन ! ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने नलों के लिए एक अल्ट्रा सोनिक उपकरण इजाद किया है जो पानी को बड़े पैमाने पर शुद्ध करेगा। साउथम्पटन विश्वविद्यालय के एक दल ने एक उपकरण बनाया है जो ठंडे पानी और कम संयोजकों के साथ उतनी ही बिजली में काम करता है जितनी की एक बल्ब के लिए जरूरी होती है। बल्कि यह उपकरण पानी और बिजली की खपत की तकनीक के लिहाज से मौजूदा तकनीकों से ज्यादा व्यापक है। दल के अगुवा प्रोफेसर टिम लिग्टन ने कहा कि समाज इसकी शुद्धिकरण की क्षमता पर चलता है। अप्रभावी सफाई भोजन ही विषाक्तता का कारण बनती है। उन्होंने कहा, ‘‘अस्पतालों से होने वाले संक्रमण, सही तरीके से साफ नहीं हुए उपकरणों का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पर पड़ता है। एक ऐसे उपकरण की बहुत जरूरत है जो हमारी शुद्धता की क्षमता को बढाए साथ ही हमारे महत्वपूर्ण संसाधनों, पानी और बिजली को भी बचाए।’’ अब दल को ऐसे उत्पादों के निर्माण की उम्मीद है जो अल्ट्रा सोनिक नलियों पर आधारित होंगे, जिन्हें नल या पाइप के सिरे पर लगाया जा सके। इस उपकरण का एक अन्य फायदा यह है कि यह एयरोसोल (जल के छोटे वायुमंडलीय कण जो हवा में अशुद्धिया ले जा सकते हैं और अन्य सतहों को भी प्रदूषित करते हैं) आदि कम उत्पन्न करते है। शोधकर्ताओं का कहना है कि चूंकि इसमें ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए पानी को गर्म करने में इस्तेमाल उर्जा की बचत होती है।
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12-11-2011, 06:22 PM | #100 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
ब्रिटेन में मंदी का असर पालतू जानवरों पर भी
लंदन ! ब्रिटेन में मंदी के असर से पालतू जानवर भी अछूते नहीं बचे हैं और कई लोग पालतू जानवरों पर आने वाले खर्च को पूरा नहीं करने के कारण अपना शौक छोड़ रहे हैं। बैटरसी डॉग्स एंड कैट्स होम के अनुसार अपने पालतू जानवर सौंपने वाले लोगों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गयी है। वहीं ब्लू क्रास संस्था का कहना है कि इस साल उसने 1530 लावारिस पशु पकड़े हैं जो पिछली साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। इस बीच एक अध्ययन में कहा गया है कि लावारिस कुत्तों की संख्या पिछले 10 साल में सबसे अधिक हो गयी है। साथ ही पालतू जानवरों का खर्च पूरा नहीं करने के कारण कई लोगों द्वारा पूछताछ किए जाने के मामलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बैटरसी ने कहा कि उसे प्रत्येक दिन पशुप्रेमियों के फोन काल मिल रहे हैं जिनका कहना है कि उनके पास अपने पशुओं को त्यागने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है क्योंकि वे बढे खर्चे वहन नहीं कर सकते।
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