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19-04-2011, 08:22 PM | #1 |
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Re: रोचक जानकारियां
दोस्त सच्चा है कि बनावटी, ऐसे पहचाने
हमारे मन का स्वभाव ऐसा है कि वह मीठा बोलने वालों को ही ज्यादा पंसंद करता है। अच्छे-बुरे से मन को कुछ लेना-देना नहीं। असली दोस्त की पहचान में भी इसी कारण से इंसान से भूल हो जाती है। व्यक्ति मीठा बोलने वाले मनोरंजक व्यक्ति को ही अपना पक्का दोस्त समझ बैठते हैं, जबकि असलियत में ऐसा कुछ होता नहीं। इस विषय में कबीरदास जी ने बहुत सही बात कही है- निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटि छवाय। बिन साबुन बिना निर्मल करे सुभाय।। इसीलिये कहते हैं सच्चा दोस्त उस निदंक की तरह होता है जो अच्छाईयों पर आपकी तारीफ के साथ साथ आपकी बुराईयों को सामने लाकर उनको दूर करने में आपकी मदद करता है। ऐसा ही एक किस्सा है कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती का द्वारिका में एक ब्राह्मण के घर जब भी कोई बालक जन्म लेता तो वह तुरंत मर जाता एक बार वह ब्राह्मण अपनी ये व्यथा लेकर कृष्ण के पास पहुंचा परन्तु कृष्ण ने उसे नियती का लिखा कहकर टाल दिया। उस समय वहां अर्जुन भी मौजूद थे।अर्जुन को अपनी शक्तियों पर बड़ा गर्व था। अपने मित्र की मदद करने के लिए अर्जुन ने ब्राह्मण को कहा कि मैं तुम्हारे पुत्रों की रक्षा करूंगा। तुम इस बार अपनी पत्नी के प्रसव के समय मुझे बुला लेना ब्राह्मण ने ऐसा ही किया लेकिन यमदूत आए और ब्राह्मण के बच्चे को लेकर चले गए। अर्जुन ने प्रण किया था कि अगर वह उसके बालकों को नहीं बचा पाएगा तो आत्मदाह कर लेगा। जब अर्जुन आत्म दाह करने के लिए तैयार हुए तभी श्री कृष्ण ने अर्जुन को रोकते हुए कहा कि यह सब तो उनकी माया थी उन्हें ये बताने के लिए कि कभी भी आदमी को अपनी ताकत पर गर्व नहीं करना चाहिए क्यों कि नियती से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
12-04-2011, 07:13 PM | #2 |
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Re: रोचक खबरे
बहुत अच्छा सिकन्दर भाइ
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
20-04-2011, 02:12 PM | #3 |
Exclusive Member
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Re: रोचक जानकारियां
वाह वाह क्या जनकारी है
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
24-04-2011, 01:18 AM | #5 |
Special Member
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Re: रोचक जानकारियां
इंसान को आश्चर्य में डाल देने वाली प्रकृति की पांच रचनाएं
प्रकृति के श्रृंगार ने मानव शुरु से ही हतप्रभ किया है। इस कड़ी में हम आपको ऐसे पांच तालाबों से परिचित कराने जा रहे हैं जो प्रकृति के सौंदर्य में चार चांद लगाने वाले हैं। इन आकृतियों को देख आप चौंक सकते हैं क्योंकि यह संरचनाएं हैं ही ऐसी। इनमें से ज्यादातर का निर्माण प्रकृति ने खुद ही किया है जबकि कुछ मानव से अनजाने में बन गईं।
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24-04-2011, 01:19 AM | #6 |
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Re: रोचक जानकारियां
1. लेडी लक लेक : यह तालाब रेड रिवर का ही एक हिस्सा है। ऐसे मौसम में जब नदी में पानी कम होता है तो वहां एक तालाब का निर्माण हो जाता है। अंग्रेजी शब्द यू का आकार ले लेने वाला कनाडा का यह तालाब और इसके बीच में फैली हरियाली इसे किसी खूबसूरत द्वीप का सा रूप देती है।
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। Last edited by jitendragarg; 24-04-2011 at 01:29 AM. Reason: Updated the attachement! |
24-04-2011, 01:20 AM | #7 |
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Re: रोचक जानकारियां
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। Last edited by jitendragarg; 24-04-2011 at 01:29 AM. Reason: Updated the image. |
24-04-2011, 01:23 AM | #8 |
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Re: रोचक जानकारियां
फोटो छोटी आरही है ओर हमें मजा नही आरहा है इसलिए में ओर आगे नही पोस्ट कर रहा हू
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24-04-2011, 01:31 AM | #9 | |
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Re: रोचक जानकारियां
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ज्यादा जानकारी के लिए ये सूत्र देखे! http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2134
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24-04-2011, 02:12 AM | #10 |
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Re: रोचक जानकारियां
इन 7 लोगों को नमस्कार न करें
सनातन धर्म की श्रेष्ठता का कारण उसकी परंपराओं के पीछे इंसानी जीवन से जुड़ी वैचारिक और व्यावहारिक गहराई है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक बताई गई अनेक क्रियाएं इंसान के विचार और व्यवहार को अनुशासित रख जीवन को ऊंचा उठाती है। ऐसी ही एक क्रिया है - नमस्कार। यह शारीरिक मुद्रा पूरी दुनिया में भारतीय होने की पहचान भी है। नमस्कार की मुद्रा असल में सम्मान या स्नेह प्रगट करती है। वहीं इसका असर संबंधों को गहरा ही नहीं करता, बल्कि यह छोटी-सी शारीरिक मुद्रा किसी भी इंसान के व्यक्तित्व, चरित्र और व्यवहार को भी बेहतर बनाती है। क्योंकि दोनों हाथों को मिलाकर, हल्का सा शरीर के झुकाव के साथ किया गया नमस्कार असल में सबसे पहले व्यक्ति के अहं को दूर करता है, जो अनेक मानसिक और व्यावहारिक दोषों का कारण भी है। नमस्कार द्वारा अभिवादन का यह तरीका दूसरों पर भी अच्छा असर करता है, जो आपके लिए भी सकारात्मक नतीजे देता है। क्योंकि दूसरों को दिया गया सम्मान बदले में वैसा ही सम्मान, सहयोग और प्रेम लाता है। चूंकि हर क्रिया और व्यवहार का महत्व मर्यादा के बिना अधूरा है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में नमस्कार करने के लिए भी कुछ मर्यादाएं बताई गईं है। जिनका पालन आपके साथ दूसरों के लिए भी हितकारी होती हैं। जानते हैं किसी व्यक्ति से नमस्कार किन-किन स्थितियों में न करें - जो व्यक्ति दूर हो - ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति आपके अभिवादन को न देख पाए। जिसे अनदेखी समझकर आपके मन में कलह पैदा हो सकता है। जो व्यक्ति जल में हो - जल में रहने या तैरते वक्त थोड़ी भी चूक जानलेवा हो सकती है। यह ध्यान भंग आपके नमस्कार से भी संभव है। जो व्यक्ति दौड़ रहा हो - आपके द्वारा किए गए नमस्कार से दौड़ते व्यक्ति की एकाग्रता और लय बिगडऩा उसकी चोट या ठोकर का कारण बन सकता है। धन के अहंकार से ग्रसित व्यक्ति - ऐसे व्यक्ति से नमस्कार आपके अपमान का कारण भी बन सकता है। नहाता हुआ व्यक्ति - स्नान का समय नमस्कार के लिए उचित स्थिति नहीं मानी जाती। क्योंकि यह आप और उस व्यक्ति को असहज बना सकती है। मूढ़ या मूर्ख व्यक्ति - आचरण व व्यवहार की समझ ने होने से ऐसा व्यक्ति नमस्कार की अहमियत नहीं समझता और आपकी भावना को आहत कर सकता है। जो व्यक्ति अपवित्र हो - किसी कारणवश जैसे मृत्यु संस्कार कर्म या किसी अन्य कारण से अपवित्रता के दौरान कोई व्यक्ति सहज मनोदशा में नहीं होता, तो नमस्कार उचित नहीं है।
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